13 जून को मॉनसून के आगमन के बाद जैसी बारिश हुई थी वो दौर फिर से लौटकर नहीं आ पाया है। गर्मी और उमस से हाल-बेहाल हो गया है। इस बीच मौसम विभाग की ओर से थोड़े सुकून वाली खबर आयी है।
मौसम विभाग ने बताया है कि बारिश की कमी का ये सिलसिला 18 जुलाई से खत्म हो सकता है। 18 जुलाई से पूरे यूपी में बारिश की संभावना जताई गयी है। यहां तक कि 18 जुलाई को प्रदेश के कई जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की गयी है। मौसम विभाग ने इसके लिए रेड अलर्ट जारी किया है। इस दौरान आकाशीय बिजली गिरने के खतरे के प्रति भी विभाग ने लोगों को चेताया है। बता दें कि पिछले दिनों बड़े पैमाने पर आकाशीय बिजली गिरने से लोगों की जान गयी थी।
प्रदेश के पूर्वी हिस्से में दोपहर बाद तक बारिश की संभावना जताई गयी है। फिलहाल आज और कल बारिश बेहद कम रहेगी। तापमान बढ़ने से उमस परेशान करेगी। आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक जेपी गुप्ता का कहना है कि शुक्रवार से प्रदेश में मौसम बदल सकता है। जहां राजधानी लखनऊ में आंशिक बादल छाएंगे वहीं प्रदेश भर में छिटपुट बारिश के आसार हैं।
मुंबई में भारी बारिश के चलते बसों-ट्रेनों की आवाजाही पर असर, एयरपोर्ट के रनवे पर भी पानी भरा
मौसम विभाग के ताजा अनुमान के मुताबिक गोरखपुर, अम्बेडकरनगर, बस्ती, अयोध्या, अमेठी, रायबरेली, बाराबंकी, गोंडा, बहराइच, सीतापुर, लखीमपुर खीरी और पीलीभीत में दोपहर बाद तक बारिश हो सकती है।
वैसे तो बादलों का थोड़ा जमावड़ा उत्तराखंड की सीमा से लगे जिलों में भी देखने को मिल रहा है लेकिन, ऐसे जिलों में फिलहाल बारिश का अनुमान जाहिर नहीं किया गया है। यदि मौसम विभाग का अनुमान सटीक साबित हुआ तो लखनऊ के आसपास के जिलों को थोड़ी राहत मिल सकती है।
बारिश की कमी का आलम ये है कि पिछले 24 घंटे के दौरान सूबे के सिर्फ दो जिलों में ही बारिश दर्ज की गयी। वो भी मामूली। हमीरपुर में 4 मिलीमीटर और रायबरेली में 3 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गयी। बाकी जिलों में तो फुहारें भी नहीं गिरी। तापमान की बात करें तो गुरुवार को दिन का अधिकतम तापमान ज्यादातर जिलों में 35 डिग्री सेल्सियस के आसपास दर्ज किया गया। दो तीन जिलों में ये 40 डिग्री के नजदीक पहुंचा था। बारिश की कमी के यही हालात कायम रहे तो न सिर्फ गर्मी बढ़ेगी बल्कि उमस का संकट भी बढ़ेगा।