वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में होने वाले ASI सर्वेक्षण पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए ये रोक लगाई है। जिसने अप्रैल 2021 में दिए अपने फैसले में ज्ञानवापी मस्जिद कॉम्प्लेक्स के पुरात्विक सर्वे को अनुमति दे दी थी। जिसके बाद इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई।
निचली अदालत के इस फैसले का काफी ज्यादा विरोध हुआ था। याचिकाकर्ता ने ज्ञानवापी मस्जिद की जमीन हिंदुओं को वापस करने की मांग की थी। साथ ही अयोध्या की ही तरह दावा किया था कि यहां पर हिंदू देवताओं का स्थान था। इसीलिए इस परिसर के एएसआई सर्वे की मांग की गई थी।
अब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने न सिर्फ इस पूरे मामले को लेकर रोक लगाई है, बल्कि सभी पक्षों से दो हफ्ते के भीतर जवाब दाखिल करने को भी कहा है।
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दरअसल 1991 में वाराणसी के कुछ पुजारियों ने सबसे पहले ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर मुकदमा दाखिल किया था। जिसमें एएसआई से सर्वेक्षण कराने की मांग शामिल थी। दलील थी कि मुगल शासकों ने मंदिर को तोड़कर यहां पर मस्जिद का निर्माण कर दिया।
इस याचिका पर हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, लेकिन इसे लेकर दायर की गई दूसरी याचिका पर निचली अदालत ने फैसला सुना दिया।
इस मामले को लेकर कोर्ट का फैसला आया और कहा गया कि सर्वेक्षण से पता किया जाए कि वाकई में मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई है या नहीं। इसके लिए पांच सदस्यीय कमेटी बनाने के लिए भी कहा गया था। जिसमें दोनों पक्ष के लोग शामिल हों।