प्रतापगढ़ के जेठवारा इलाके के डांडी गांव में हाईटेंशन लाइन का जर्जर तार टूटकर एलटी लाइन पर गिरने से लोगों के घरों में हाईवोल्टेज करंट दौड़ गया। इससे लोगों के घरों के उपकरण फुंकने लगे। इस दौरान बोर्ड का स्विच बंद करने के चक्कर में करंट की चपेट में आए मां-बेटे की मौत हो गई। सात लोग झुलस गए। गंभीर हालत में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसे के बाद गांव में कोहराम मच गया।
जेठवारा थाना क्षेत्र के डांडी ठाकुरदीन का पुरवा गांव में शुक्रवार की रात ग्रामीण सो रहे थे। भोर में करीब तीन बजे अचानक ग्यारह हजार लाइन का जर्जर तार टूटकर गांव में जाने वाले एलटी लाइन के तार घर पर गिर गया, जिससे लोगों के घरों में हाईवोल्टेज करंट दौड़ गया। इससे घरों में बल्ब, पंखा, फ्रिज आदि तेज धमाके के साथ जलने लगे। विद्युत उपकरणों में धमाका होता देख ग्रामीण स्विच बंद करने लगे। इस दौरान हाईवोल्टेज करंट की चपेट में आने से जगत बहादुर यादव (42) व उसकी मां लखपति देवी (65) की मौत हो गई। करंट की चपेट में आने से मृतक जगत बहादुर की पत्नी सुमन देवी (39), बेटी निधि (12) व नेहा (10) झुलस गईं।
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वहीं अलग-अलग घरों के राजेश तिवारी (20), गीता देवी (22), मुरली तिवारी (19), बड़ेलाल (41) भी करंट की चपेट से झुलस हो गए। घटना के बाद गांव में अफरातफरी मच गई। ग्रामीणों ने पहाड़पुर उपकेंद्र में फोनकर बिजली आपूर्ति बाधित कराई। तब जाकर लोगों की जान में जान आई। घटना की जानकारी पर जेठवारा पुलिस मौके पर पहुंची और गंभीर रूप से झुलसे ग्रामीणों को जिला अस्पताल भेजवाया। मां-बेटे के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। घटना को लेकर ग्रामीणों में बिजली विभाग के प्रति भारी आक्रोश है। एसओ जेठवारा ने बताया कि अभी पीड़ित पक्ष की ओर से तहरीर नहीं मिली है।
जेठवारा के डांडी ठाकुरदीन का पुरवा में शनिवार भोर में हुए हादसे में मां-बेटे की मौत और सात लोगों के गंभीर रूप से झुलसने की घटना के लिए बिजली विभाग जिम्मेदार है। ग्रामीणों का कहना है कि यहां दस केवीए का ट्रांसफार्मर लगा है, जिससे 17 उपभोक्ताओं ने कनेक्शन ले रखा है। ट्रांसफार्मर के आसपास का तार जर्जर हो चुका था। ग्रामीणों ने कई बार विभाग को शिकायती पत्र देकर इसे बदलने की मांग की थी, लेकिन अधिकारी और कर्मचारी लापरवाह बने रहे।
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इसके चलते 11 हजार वोल्टेज का तार टूटकर ट्रांसफार्मर व एलटी लाइन के तार पर गिर गया। अगर बिजली विभाग ने ध्यान दिया होता तो शायद यह घटना नहीं होती। विभाग की लापरवाही से हुए हादसे को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार शिकायत के बाद भी किसी ने जर्जर तार बदलने की जरूरत नहीं समझी। घटना के बाद बिजली विभाग के अधिकांश अफसरों ने अपने मोबाइल बंद कर लिए।
हाईवोल्टेज करंट घर में उतरने के बाद विद्युत उपकरणों में धमाका होता देख लखपति देवी पंखा बंद करने के लिए भागी। पंखा बंद करने के लिए स्विच पर उंगली रखते ही वह करंट की चपेट में आ गई। मां को करंट से झुलसते देख बेटा जगत बहादुर उसे बचाने दौड़ा और हड़बड़ी में वह भी चपेट में आ गया। इससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। अपने कमरों में सो रही जगत बहादुर की पत्नी व बेटियां भी विद्युत उपकरणों को बंद करने के प्रयास में करंट की चपेट में आकर झुलस गईं। पोस्टमार्टम के बाद मां-बेटे का शव शनिवार शाम घर पहुंचने पर कोहराम मच गया।
डांडी में एचटी लाइन करंट लोगों के घरों दौडने से अचानक धमाका शुरू हो गया। पंखे, बल्ब, फ्रिज, टीवी आदि धमाके के साथ फुंकने लगे। लोगों के घरों में लगे लाखों के विद्युत उपकरण जल गए। ग्रामीणों के मुताबिक पांच लाख से अधिक के उपकरण जल गए।