अलीगढ़। AMU में इस बार होली का जश्न ऐतिहासिक रहा। 12 दिन चले लंबे संघर्ष के बाद AMU ने कैंपस में होली समारोह की परमिशन दे दी। एएमयू प्रशासन ने छात्रों को 13 और 14 मार्च को होली खेलने की परमिशन दी। AMU प्रशासन ने NRSC क्लब में यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे हिन्दू स्टूडेंट्स के लिए होली खेलने का प्रबन्ध किया है। साथ ही नार्थ ईस्ट के राज्य नागालैंड व मिजोरम के स्टूडेंट भी NRSC क्लब में होली का जश्न मना रहे हैं।
हालांकि, एएमयू के हिंदू छात्रों ने 9 मार्च को होली खेलने की मांग की थी, लेकिन उन्हें 13 और 14 मार्च को इसकी अनुमति दी गई। क्योंकि अधिकतर छात्र होली के लिए अपने घर चले जाते हैं, फिर भी विश्वविद्यालय में मौजूद छात्रों ने इस अवसर को पूरे उत्साह से मनाया।
छात्रों का संघर्ष और जीत
छात्रों ने बताया कि यह कोई आसान लड़ाई नहीं थी। 12 दिनों तक लगातार बातचीत और विरोध के बाद, विश्वविद्यालय प्रशासन को छात्रों की ‘न्यायोचित’ मांगों के आगे झुकना पड़ा। शुरुआत में प्रशासन ने इसे ‘नई परंपरा’ बताते हुए होली खेलने की अनुमति देने से मना कर दिया था, लेकिन छात्रों की एकता और प्रयासों के कारण पहली बार यूनिवर्सिटी ने होली के लिए अनुमति दी।
छात्रों का कहना है कि इस होली समारोह ने पूरे देश को एक सकारात्मक संदेश दिया है। एक छात्र ने कहा, “आज यह देखकर पूरे देश को संदेश मिल रहा है कि यहां एक मिनी इंडिया नजर आ रहा है। होली भाईचारे और एकता का त्योहार है, और हमें गर्व है कि हमने इस परंपरा की शुरुआत की।”
एक स्थानीय छात्र, देवांश, जो रोज़ाना कैंपस में रहता है, ने कहा, “मुझे बहुत अच्छा लग रहा है कि मैं अपने दोस्तों के साथ होली मना सकता हूं। यह त्योहार सिर्फ घर में नहीं, बल्कि एक-दूसरे से मिलने और जुड़ने का मौका देता है।”
एक अन्य छात्र ने कहा, “हमारे देश की पहचान इसकी विविधता और एकता है। होली का पर्व न केवल रंगों का, बल्कि भाईचारे और मेल-मिलाप का भी प्रतीक है। यह बहुत खुशी की बात है कि इस साल हमें यह मनाने का मौका मिला।”
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बता दें कि हिंदू छात्रों ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में होली समारोह आयोजित करने की परमिशन मांगी थी। एएमयू के मास्टर्स के छात्र अखिल कौशल ने बताया था कि हिंदू छात्रों ने 25 फरवरी को एएमयू के प्रॉक्टर को वाइस चांसलर (AMU VC) को एक लेटर लिखा था जिसमें 9 मार्च को एएमयू के एनआरएससी क्लब में होली मिलन समारोह का आयोजन करने की अनुमति मांगी थी। इसे लेकर वाइस चांसलर में प्रोफेसर डीन की मीटिंग भी बुलाई गई, लेकिन मीटिंग के बाद होली मिलन समारोह के आयोजन की अनुमति नहीं दी गई थी। इसके बाद छात्रों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया था। हालांकि बाद में यूनिवर्सिटी ने छात्रों को न सिर्फ NRSC क्लब में होली मनाने की परमिशन दी।