रंगों, खुशहाली का त्योहार होली (Holi) इस बार 25 मार्च को मनाया जाएगा। रंगों का जीवन से गहरा संबंध होता है। रंग हमारी भावनाओं को दर्शाते हैं। रंगों के माध्यम से व्यक्ति शारीरिक व मानसिक रूप से प्रभावित होता है। होली (Holi ) के त्योहार को सुख-समृद्धि, सौहार्द और भाईचारे के प्रतीक के रूप में भी देखा जाता है। आइए जानते हैं कौन सा रंग क्या कहता है और इसका क्या महत्त्व होता है।
लाल रंग
लाल रंग ऊर्जा और शक्ति का भी प्रतीक है, धार्मिक कार्यों में इसलिए इसे प्राथमिक और पवित्र माना गया है।
पीला रंग
यह सूर्य का भी रंग है, इसलिए रोशनी और उदास को दर्शाता है।
हरा रंग
प्रकृति से जुड़ा हुआ रंग होने के कारण प्राकृतिक और जैविक उत्पादों के लिए इस रंग का इस्तेमाल किया जाता है। गहरा हरा रंग रूप में पैसे दर्शाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है, यह सफाई भी दर्शाता है।
नारंगी रंग
मानसिक ऊर्जा को बढ़ाने में सहायक होता है। मस्तिष्क व शरीर के बीच संतुलन स्थापित करने में भी मुख्य भूमिका अदा करता है। यह यौवन की निशानी के तौर पर देखा जाता है।
नीला रंग
उपभोक्ताओं के बीच विश्वास और सुरक्षा का भाव देता है इसलिए कई बड़े बैंक, वित्तीय संस्थाए, बिजनेस अपने लोगो और नाम में नीले का रंग इस्तेमाल प्रमुखता से करते हैं।
गुलाबी रंग
यह रंग कोमलता और मासूमियत का प्रतीक है। यहां पारंपरिक तौर पर रोमांच और नारीवाद के लिए दर्शाया जाता है, इसलिए सौंदर्य सामग्री वाली कई कंपनियां अपने उत्पादों के लिए गुलाबी रंगों का इस्तेमाल करती है।