हिंदू धर्म में होली (Holi) का त्योहार सबसे जीवंत और हर्षोल्लास से भरा होता है। पूरे देश में होली का त्योहार उल्लास के साथ मनाया जाता है। पश्चिम बंगाल, असम के साथ-साथ त्रिपुरा में रंगों के इस त्योहार को डोल जात्रा या बसंत उत्सव के रूप में मनाया जाता है। हिंदू कैलेंडर के मुताबिक, होली का त्योहार फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस साल होली 25 मार्च 2024 यानी सोमवार को मनाई जाएगी। होली से एक दिन पहले होलिका दहन (Holika Dahan) किया जाता है और इसे छोटी होली भी कहा जाता है, जो 24 मार्च 2024 रविवार को है।
होलिका दहन (Holika Dahan) का शुभ मुहूर्त
पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, इस साल होलिका दहन (Holika Dahan) 24 मार्च 2024, रविवार को शाम 07:19 बजे से रात 09:38 बजे के बीच किया जाना उचित होगा। इसके बाद अगले दिन 25 मार्च 2024, सोमवार को 12:24 पूर्वाह्न से प्रारंभ होकर 25 मार्च 02:59 पूर्वाह्न तक होली खेली जाएगी।
ऐसे हुई थी होली पर्व की शुरुआत
होली जैसे जीवंत और रंगीन त्योहार की जड़ें काफी गहरी है। हिंदू धर्म में होली पर्व को लेकर कई पौराणिक कथाएं हैं, जिसमें भक्त प्रहलाद और उनके पिता राक्षसराज हिरण्यकश्यप के जुड़ी हुई कथा सबसे ज्यादा प्रचलित है। इसमें बताया गया है कि भगवान विष्णु के भक्त प्रहलाद को भगवान विष्णु ने उसके पिता हिरण्यकश्यप के बुरे इरादों से बचाया था।
कथा के मुताबिक, हिरण्यकश्यप की बहन, होलिका को एक वरदान प्राप्त था कि उसे आग भी जला नहीं सकती है, तो हिरण्यकश्यप ने बहन होलिका की गोद में प्रहलाद को जलती आग में बैठने के लिए कहा।
इस साजिश में होलिका भस्म हो गई, लेकिन प्रहलाद सुरक्षित बच गया। ऐसे में होलिका की भस्म को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है।