नई दिल्ली. भारत में कोरोना वायरस की तीसरी लहर को लेकर अलर्ट जारी हैं. इसी बीच ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, नई दिल्ली (AIIMS) के प्रमुख, डॉ0 रणदीप गुलेरिया ने कोरोना कि तीसरी लहर को रोकने को लेकर उपाय बताया है। साथ ही उन्होंने देश में अगले महीने से टीकाकरण में रफ्तार आने की बात कही है.
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तीसरी लहर में हो सकती है देरी
डॉक्टर गुलेरिया ने कहा, ‘वायरस के प्रसार की जांच के लिए कोविड-उपयुक्त व्यवहार और निगरानी दो तरीके हैं.’ उन्होंने कहा, ‘तीसरी लहर के समय को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है. हम इसे निकट भविष्य में मामलों की बढ़त के रूप में देखेंगे. हालांकि, जरूरी यह है कि हम कैसे बर्ताव करते हैं. अगर लोग कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करेंगे और ज्यादा से ज्यादा लोग टीकाकरण करा लेंगे, तो तीसरी लहर में देरी हो सकती है. दूसरी और तीसरी लहर की तुलना इसका असर भी कम हो सकता है.’
वैक्सीन मौतें और गंभीर बीमारी को रोकने के लिए
टीकाकरण को लेकर उन्होंने कहा, ‘माना जाता है कि वैक्सीन मौतें, अस्पताल में भर्ती होने और गंभीर बीमारी को रोकने के लिए हैं. अगर आपको टीका लगा है, तो आपको एक हद तक सुरक्षा मिलेगी. ऐसा अमेरिका और ब्रिटेन में भी देखा गया है. इसके बावजूद हमें कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करते रहना होगा, क्योंकि म्यूटेशन होते रहेंगे. ब्रिटेन में सबकुछ खुल जाने के चलते जो हो रहा है कि उस पर कई जानकारों ने चिंता जाहिर की है.’
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देश के 6% आबादी को लगा टीका
डॉक्टर ने कहा कि साल के अंत तक देश को अपनी 60 फीसदी आबादी को टीका लगाए जाने में सक्षम होना चाहिए. डॉक्टर गुलेरिया ने कहा, ‘जल्द ही वैक्सीन के और डोज आने की संभावना है और रफ्तार अगले महीने से बढ़ जाएगी.’ हाल ही में आए आंकड़ों से पता चला है कि अब तक देश में करीब 6 फीसदी भारतीय आबादी डोज प्राप्त कर चुकी है.
उन्होंने यह भी बताया कि कैसे वैक्सीन लॉन्ग कोविड से भी बचा सकती हैं. डॉक्टर गुलेरिया ने कहा, ‘डेटा सामने आ रहा है, जिसमें कहा जा रहा है कि पूर्ण टीकाकरण प्राप्त लोगों में लॉन्ग कोविड की संभावना काफी कम हैं. वैक्सीन गंभीर बीमारी से भी सुरक्षा देती हैं.’