खाने-पीने की मिलावट बीमारियों की सबसे बड़ी वजह बनती जा रही है। हम अच्छे स्वास्थ्य के लिए महंगा और अच्छा सामान खरीदने की कोशिश करते हैं लेकिन हम क्या खा रहे हैं इसकी कोई गारंटी नहीं। बीते कुछ समय से जीरे (Cumin) का दाम बढ़ने के बाद इसमें कई तरह की मिलावट की शिकायतें आ रही हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि मिलावटखोर झाड़ू से जीरा (Cumin) बना रहे हैं और इसमें नुकसानदायक केमिकल भी मिलाया जा रहा है।
मिल रहा है मिलावटी जीरा (Cumin)
जीरा (Cumin) भारतीय किचन के प्रमुख मसालों में से एक है। यह अपनी खुशबू और मेडिशनल प्रॉपर्टीज की वजह से जाना जाता है। कुछ वक्त पहले खबरें थीं कि मार्केट में झाड़ू और घास से बना जीरा बेचा जा रहा है। इसमें चारकोल डस्ट, रंगा लकड़ी का बुरादा, स्टार्च और रंगे हुए घास के बीज वगैरह मिले होते हैं। अगर आपको लग रहा है कि आपके जीरे में खुशबू नहीं आ रही तो इसे चेक कर सकते हैं।
खरीदने से पहले करें चेक
जीरा (Cumin) चेक करने के लिए इसे हथेली पर रखें। अगर हथेली पर काला रंग आ जाए तो जीरा नकली है। दूसरा तरीका ये है कि एक ग्लास पानी में जीरा डालकर कुछ देर के लिए छोड़ दें। अगर जीरा असली होगा तो यह तली में बैठ जाएगा। पानी में रंग दिखे या जीरा धीरे-धीरे घुल जाए तो इसका मतलब यह नकली है।
हो सकती हैं ये समस्याएं
मिलावटी जीरा (Cumin) खाने से पेट में पथरी, इन्फेक्शन, उलटी, अल्सर, लिवर और स्किन से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं। मार्केट में जाकर मसाले हमेशा चेक करके ही लें।