प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रस्तावित वाराणसी दौरे को लेकर प्रशासनिक तैयारियां ने गति पकड़ ली है। जनसभा के लिए मेंहदीगंज में विशाल जर्मन हैंगर पंडाल बनने लगा है। जनसभा स्थल पर खेतों की जमीन को नम करने के साथ इसे समतल बनाया जा रहा है।
ट्रकों से पंडाल बनाने व बैरिकेडिंग के लिए सामान पहुंचाया जा रहा है। दर्जनों मजदूर सभास्थल पर पंडाल बनाने के कार्य में लगे हुए है। लगभग 40 बीघे में बन रहे जनसभा स्थल पर 550 फीट चौड़ा व 850 फीट लंबा जर्मन हैंगर पंडाल बनाया जा रहा है। रिंगरोड़ बनाने वाली एनएचएआई व जीआर. इंफ्रा प्रोजेक्ट्स कम्पनी के अधिकारी तैयारियों पर नजर रख रहे है। राजातालाब एसडीएम , सीओ बड़ागांव और पुलिस अफसरों ने जनसभा स्थल पर पहुंच कर सुरक्षा व्यवस्था को चाक चौबंद बनाने पर जोर दिया।
जनसभा के लिए फसलों के नुकसान का दिया गया मुआवजा
प्रधानमंत्री की जनसभा के लिए मेंहदीगंज में रिंगरोड़ के किनारे 40 बीघे खेत से काटी गई धान की फसलों को लेकर कांग्रेस के नेता पूर्व विधायक अजय राय के सवाल और ट्वीट पर जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने जबाब में बताया कि प्रधानमंत्री की जनसभा के लिए किसानों के सहमति से जमीन ली गई। इसके लिए किसान को मुआवजा भी दिया गया। जिलाधिकारी ने बताया कि प्रति किसान 1940 रुपये एमएसपी और उत्पादकता के आधार पर मुआवजा दिया गया है।
जिलाधिकारी ने बयान जारी कर बताया कि लगभग 07 लाख फसल मूल्य के चेक दिए जा रहे हैं। फसल भी काट कर उनको दे दी गई थी। इसकी गणना कल हो गई थी और आज एनएचएआई इनको चेक दे रही है। कुल 30 गाटा लिए गए है। जिसका रकबा भूमिधारी का 8.745 हेक्टेयर है।
सोमवार को एसडीएम राजातालाब व महिला ग्रामप्रधान के पति शकील अहमद की मौजूदगी में चंद्रशेखर, मुरारीलाल, लालधारी, शिवधारी, कांता, राजेश, मिथलेश, विभूति नारायण, अवधनारायण, बाबूलाल, दिनेश समेत अन्य किसानों को बुलाकर एनएचएआई ने फसल क्षति की मुआवजा राशि का चेक दिया। राजस्व विभाग ने एक बीघा में दस कुंतल धान की क्षति का आकलन किया है। प्रति कुंतल 1940 रुपए का रेट लगाया गया।
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जमीन को लेकर अफवाह फैलाने वालों पर जिला प्रशासन सख्त
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने प्रधानमंत्री की जनसभा के लिए जमीन और फसलों को लेकर फैलाये जा रहे अफवाह को गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा कि विधिक कार्रवाई करने की तैयारी चल रही है। मेहंदीगंज जनसभा स्थल चुनने की वजह भी उन्होंने बताई।
उन्होंने बताया कि यहां एक दो किसान अपनी फसल काट चुके थे और ज्यादातर किसानों की फसल पक चुकी थी। ऐसे में हमने जिनकी फसलें नहीं कटी थी और पक चुकी थी उनसे एमएसपी रेट पर फसल खरीदी है और जिनकी नहीं पकी थी उनसे भी एमएसपी के रेट पर कुल 108 किसानों की फसल खरीदी गयी। कुल 11 हेक्टेयर भूमि पर सभा स्थल बनाया जा रहा है।