उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के दौरान हेलीकॉप्टर सेवाओं से जुड़ी कई घटनाओं के बाद नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने सुरक्षा मानकों को लेकर सख्त रुख अपनाया है। यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए DGCA ने तुरंत कई अहम कदम उठाए हैं। DGCA ने पिछले दिनों केदारनाथ धाम के लिए उड़ान भरने वाले हेलिकॉप्टर की सड़क पर इमरजेंसी लैंडिंग करने वाले Kestrel Aviation (M/s Kestrel Aviation Pvt. Ltd.) की हेलीकॉप्टर सेवाओं को तुरंत निलंबित कर दिया।
हेलीकॉप्टर से जुड़ी हर घटना की सुरक्षा जांच शुरू कर दी गई है। इसमें तकनीकी खराबी, संचालन में गलती और मौसम जैसी चुनौतियों को कारण माना जा रहा है। उत्तराखंड में शटल और चार्टर हेलीकॉप्टर सेवाएं देने वाले सभी ऑपरेटरों पर विशेष ऑडिट और बढ़ी हुई निगरानी लागू की गई है। सभी ऑपरेटरों को निर्देश दिए गए हैं कि वे फिलहाल केवल OGE (Out of Ground Effect) स्थितियों में ही हेलीकॉप्टर उड़ा सकते हैं। अगर जरूरी हुआ तो चारधाम के लिए हेलीकॉप्टर संचालन में कटौती पर भी विचार किया जा रहा है।
SOP उल्लंघन पर तुरंत कार्रवाई
केदारनाथ में उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (UCADA) द्वारा लगाए गए लाइव कैमरा फीड के जरिए हेलीकॉप्टर संचालन की निगरानी की जा रही है। SOP (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) का उल्लंघन करते पाए गए 2 ऑपरेटरों की सेवाएं 2 घंटे के लिए निलंबित कर दी गईं। DGCA ने M/s Kestrel Aviation Pvt. Ltd. की हेलीकॉप्टर सेवाओं को तुरंत निलंबित कर दिया। इससे पहले मई 2025 में एक और ऑपरेटर की सेवाएं भी सुरक्षा उल्लंघन के कारण सस्पेंड की गई थीं।
DGCA ने साफ कर दिया है कि हेलीकॉप्टर संचालन में किसी भी प्रकार की लापरवाही बिलकुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सुरक्षा मानकों का पालन हर ऑपरेटर की जिम्मेदारी है और किसी भी चूक पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी।