एक पत्नी को पति से इस कदर नफरत हुई, कि उसने पति से दूर जाने के लिए अपनी जान दे दी। आत्महत्या करने से पहले उसने एक सुसाइड नोट भी लिखा, जिसमें साफ लिखा कि वह अपनी मर्जी से आत्महत्या कर रही है।
महिला का शव जब फंदे पर झूलता हुआ मिला, तो परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने सुसाइड नोट बरामद किया। इस सुसाइड नोट में महिला ने लिखा कि मौत के बाद पति को अंतिम दर्शन न करने दिया जाए। इतना ही नहीं, उसकी चिता को मुखाग्नि भी पति को न करने दी जाए। इसके अलावा सुसाइड नोट में पैसे का भी जिक्र किया गया है। सुसाइट नोट में लिखा है कि पैसा एक जीते जागते इंसान से बड़ा न होता तो कितना अच्छा होता। मैं अपनी खुशी से आत्महत्या कर रही हूं।
इंदौर के एरोड्रम थाना क्षेत्र के लेक पैलेस कॉलोनी में रहने वाली कल्पना नामदेव की शादी पांच वर्ष पहले विदिशा में रहने वाले नीलेश नामदेव से हुई थी। बताया गया है कि शादी के कुछ समय बाद तक तो पति पत्नी के बीच सब ठीक चलता रहा, लेकिन उसके बाद दोनों के बीच तनाव रहने लगा। तनाव का कारण दहेज की मांग बताया जा रहा है। परिजनों की मानें तो नीलेश आए दिन कल्पना के साथ मारपीट करता था। आरोप है कि नीलेश चाहता था कि कल्पना के पिता अपनी प्रॉपर्टी उसके नाम पर कर दें। ये विवाद घर से पुलिस थाने तक पहुंच गया।
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परेशान कल्पना ने पुलिस थाने में पति नीलेश के खिलाफ दहेज को लेकर प्रताड़ित करने का मुकदमा दर्ज करा लिया। इसके बाद दोनों के बीच दूरियां बढ़ गईं। मामला कोर्ट में तलाक के लिए पहुंच गया। सात जन्मों तक पति के साथ रहने की कस्में खाने वाली कल्पना इस विवाद को लेकर इस कदर तनाव में आ गई कि उसने अपनी जीवन लीला समाप्त करने का फैसला किया। उसने मौत से पहले सुसाइड नोट लिखा, जिसमें पति द्वारा किए गए अत्याचार के बारे में लिखा और बाद में फांसी लगाकर अपनी जान दे दी।
सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण किया, तो वहां से सुसाइड नोट मिला। सुसाइड नोट में उसने लिखा कि मौत के बाद उसकी चिता को मुखाग्नि पति की बजाए उसकी मां दे। पति को अंतिम दर्शन नहीं करने दिया जाए, यही उसके पति की सजा है। पुलिस ने महिला का शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेजने के साथ ही जांच शुरू कर दी है।