कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मंगलवार को कहा कि उन्हे बिना कानूनी आधार के संवैधानिक अधिकारों का हनन करते हुये सीतापुर पीएसी परिसर में कैद में रखा गया है।
श्रीमती वाड्रा ने मंगलवार शाम एक बयान जारी कर कहा कि चार अक्टूबर को तड़के साढ़े चार बजे डीसीपी पियूष कुमार सिंह ने सीतापुर शहर में मौखिक कथानुसार धारा 151 के तहत उन्हे और उनके तीन अन्य पदाधिकारियों को हिरासत में ले लिया। उस समय वह लखीमपुर जिले से करीब 20 किमी की दूरी पर थी और यहां धारा 144 लागू नही है।
उन्होने कहा कि सीतापुर पीएसी परिसर में लाये जाने के करीब 38 घंटे बाद भी उन्हे हिरासत से सबंधित न तो कोई नोटिस दिखाया गया और न ही कोई आदेश। उन्हे तो एफआईआर की कापी भी नहीं दिखायी गयी। उन्होने कहा “ मैने सोशल मीडिया पर एक कागज दिखा जिसमें 11 लोगो को नामजद किया गया है। इनमे से आठ लोग तो मेरी हिरासत के समय मौजूद भी नहीं थे। यहां तक कि प्रशासन ने उन दो लोगों को भी नामजद कर दिया जो चार अप्रैल को लखनऊ से मेरे कपड़े लेकर आये थे। मुझे किसी मजिस्ट्रेट या न्यायिक अधिकारी के समक्ष पेश भी नहीं किया गया। ”
कांग्रेस महासचिव ने कहा “ मेरे वकील सुबह से गेट पर खड़े है। मुझे कानूनी सलाह लेने के लिये मेरे वकीलो से मिलने के अधिकार से भी वंचित रखा गया। मुझे और मेरे साथियों को बलपूर्वक हिरासत में रखा गया है। ”