दिल्ली। सरकार के साथ वीरवार को अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति की बातचीत के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकला है जिसका सिंघु बॉर्डर पर बैठे किसानों को पता चला तो उनका गुस्सा ओर भड़क गया और सरकार पर दबाव बनाने के लिए पांच नेशनल हाईवे को बंद करने की तैयारी किसान कर रहे हैं। किसान संगठन कभी भी अन्य बचे नेशनल हाईवे को बंद कर सकते हैं, जिससे दिल्ली समेत कई राज्यों के लिए परेशानी खड़ी हो जाएगी।
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कृषि कानूनों को रद्द कराने के लिए सिंघु बॉर्डर पर बैठे किसानों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है और दिल्ली के सभी रास्ते धीरे-धीरे बंद किए जा रहे हैं। वहीं, किसान संगठनों ने जिन पांच नेशनल हाईवे को बंद करके दिल्ली की मोर्चाबंदी का एलान किया था। उनमें दिल्ली-चंडीगढ़, दिल्ली-हिसार, दिल्ली-जयपुर, दिल्ली-आगरा, दिल्ली-बरेली है। इन नेशनल हाईवे में दिल्ली-चंडीगढ़ अभी सिंघु बॉर्डर पर बंद है, जहां किसानों का सात किमी तक पड़ाव है तो वहां से अभी वाहन केजीपी-केएमपी पर निकाले जा रहे हैं।
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इसके अलावा दिल्ली-हिसार भी बंद है और इस तरह अभी तक केवल हरियाणा, पंजाब, हिमाचल व जम्मू कश्मीर के वाहन चालकों को परेशानी हो रही है। लेकिन अन्य तीन नेशनल हाईवे भी पूरी तरह से बंद हो जाते हैं तो दिल्ली के साथ हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल, जम्मू, यूपी, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड पूरी तरह से प्रभावित होंगे। इन राज्यों का सीधा आवागमन कट सकता है।
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इन राज्यों से आवागमन बंद होते ही दूध, सब्जी, फल, यूरिया, कीटनाशक, दवाई, कपड़े, जूते-चप्पल, चमड़े का सामान, ऑटो पार्ट्स, जूते, वनस्पति आदि की किल्लत दिल्ली व एनसीआर के साथ ही काफी जगह बढ़ सकती है। अभी तक केवल दूध, सब्जी व फल की किल्लत दिल्ली व एनसीआर को झेलनी पड़ रही है, लेकिन अन्य नेशनल हाईवे भी रुके तो हालात बिगड़ जाएंगे। इसकी सीधी मार आम आदमी पर पड़ेगी और उसको ही जूझना पड़ सकता है।