कांग्रेस को अलविदा कह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थामने के बाद जितिन प्रसाद ने इशारों ही इशारों में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि आज वास्तव में कोई संस्थागत राजनीतिक दल है तो वह भाजपा है, बाकि दल तो व्यक्ति विशेष, परिवार की पार्टी और क्षेत्रीय दल बनकर रह गए हैं।
भाजपा मुख्यालय में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने जितिन प्रसाद को प्राथमिक सदस्यता की पर्ची देकर उन्हें पार्टी में विधिवत शामिल कराया।
भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के बाद जितिन ने कहा कि कांग्रेस के साथ उनका तीन पीढ़ियों का नाता रहा है किंतु, उन्होंने भाजपा में शामिल होने का फैसला बहुत सोच-समझकर लिया है। उन्होंने कहा कि पिछले सात वर्षों में उन्होंने अनुभव किया है कि राष्ट्र के नाम पर कोई राजनीतिक दल है तो वो एकमात्र भाजपा है। उन्होंने कहा कि वह जिस दल में थे, उन्हें यह महसूस होने लगा कि वह लोग राजनीति करने लगे हैं। उन्होंने कहा कि “राजनीति माध्यम है, दल भी माध्यम है, लेकिन जब हम लोगों के हितों की रक्षा नहीं कर सकते तो फिर ऐसी राजनीति का क्या महत्व है।” उन्होंने कहा, “मैं ज्यादा बोलना नहीं चाहता हूं, मेरा काम बोलेगा। मैं भाजपा कार्यकर्ता के रूप में ‘सबका साथ, सबका विश्वास’ और ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के लिए काम करूंगा।”
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प्रसाद ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि आज देश ही नहीं अपितु विदेश में भी भारत ने एक अहम मुकाम बनाया है।
इससे पहले केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने जितिन प्रसाद को उत्तर प्रदेश का बड़ा नेता बताया और कहा कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में प्रसाद की बड़ी भूमिका होने वाली है। गोयल ने उत्तर प्रदेश की जनता के हित में जितिन प्रसाद के किए गए कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि उनके आने से उत्तर प्रदेश में भाजपा को मजबूती मिलेगी।
भाजपा मुख्यालय पहुंचने से पहले जितिन प्रसाद पहले केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के घर पहुंचे। वहां से वह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने उनके आवास गए। तत्पश्चात वह भाजपा मुख्यालय पहुंचे। भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के बाद उन्होंने अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात की।
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उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019 के आम चुनाव के दौरान भी जितिन के भाजपा में शामिल होने की भूमिका तैयार हो गई थी, किंतु, प्रियंका गांधी के हस्तक्षेप के बाद वह कांग्रेस में बने रहे। जितिन का नाम कांग्रेस के उन 23 नेताओं में भी शुमार रहा जिन्होंने कांग्रेस में संगठन चुनाव और स्थायी अध्यक्ष के लिए सोनिया गांधी को पत्र लिखा था।
जितिन प्रसाद कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे स्व. कुंवर जितेन्द्र प्रसाद के पुत्र हैं। जितेन्द्र प्रसाद ने सांसद रहते हुए वर्ष 2000 में सोनिया गांधी को चुनौती दी थी। उस वक्त कुंवर जितेन्द्र प्रसाद ने सोनिया गांधी के लगातार कांग्रेस अध्यक्ष पद पर रहने पर आपत्ति जताते हुए उनके खिलाफ नामांकन दाखिल किया था। ये दीगर बात है कि वह चुनाव हार गए थे।