वास्तुशास्त्र में घर, ऑफिस, बिजनेस (Business), दुकान आदि के लिए वास्तु के नियमों के बारे में बताया गया है। वास्तु अनुसार घर, ऑफिस, दुकान आदि के होने से स्वास्थ्य बेहतर, आय में वृद्धि, कार्य में सफलता और उन्नति मिलती है।
इन स्थानों पर जब वास्तु दोष होता है, उसका दुष्प्रभाव सेहत, आय, बिजनेस, नौकरी आदि पर भी होता है। आपके बिजनेस में तरक्की नहीं हो रही है, कामयाबी नहीं मिल रही है, तो आप एक बार वास्तु के कुछ उपायों को अपनाकर देख सकते हैं।
ऐसे करने से आपको कामयाबी मिल सकती है। आइए जानते हैं बिजनेस में कामयाबी के वास्तु उपायों के बारे में।
सफल बिजनेस (Business)के वास्तु उपाय
>> आप अपने ऑफिस, दुकान या फैक्ट्री में सफेद, क्रीम या हल्के रंग का उपयोग कर सकते हैं। इन रंगों से सकारात्मकता का प्रवाह होता है, जो तरक्की में सहायक माने जाते हैं।
>> वास्तुशास्त्र के अनुसार, घर, ऑफिस, दुकान या फैक्ट्री में उत्तर दिशा कुबेर का माना जाता है, इसलिए आप अपना कैश काउंटर या तिजोरी उत्तर दिशा में ही रखें। इससे धन लाभ के अवसर बढ़ेंगे।
>> यहां पर लगे हुए द्वार अंदर की ओर खुलने वाले होने चाहिए। साथ ही खिड़की, दरवाजे, आलमारी आदि सभी चीजें सही हालत में हों, टूटे न हों। खराब हैं, तो उनकी मरम्मत करा दें।
>> ऑफिस में जो भी मीटिंग हॉल है, उसमें आयताकार टेबल का उपयोग करें। दुकान आदि में भी ऐसा ही टेबल उपयोग में ला सकते हैं।
>> बिजनेस में तरक्की के लिए आप अपनी टेबल पर श्रीयंत्र, व्यापार वृद्धि यंत्र, क्रिस्टल वाला कछुआ, क्रिस्टल बॉल, हाथी आदि को रख सकते हैं। ये शुभता के प्रतीक हैं, इससे तरक्की के लिए सकारात्मक वातावरण बनते हैं।
>> बिजनेस में तरक्की के लिए आप कार्य स्थल पर पांचजन्य शंख को स्थापित करें और नियमित विधि विधान से उसकी पूजा करें। आपको लाभ होगा। शंख को माता लक्ष्मी का भाई मानते हैं क्योंकि दोनों की उत्पत्ति समुद्र मंथन से हुई थी। शंख की पूजा से माता लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं।
>> कार्यस्थल पर बिजनेस मालिक का रूम दक्षिण-पश्चिम दिशा में हो और बैठते समय मुख उत्तर की ओर हो, तो उत्तम रहता है। जहां बैठें, उसके ठीक पीछे एक ठोस दिवार होनी चाहिए। कोई कांच की दिवार या खिड़की न हो।
>> ऑफिस का मुख्य द्वार उत्तर दिशा में हो तो, बहुत अच्छा है। उत्तर-पश्चिम या उत्तर-पूर्व दिशा में भी मुख्य द्वार का होना ठीक माना जाता है। मुख्य द्वार के सामने किसी प्रकार की कोई रुकावट न हो। इससे कार्यस्थल पर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और उन्नति होती है।