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अगर आप भी यूरिन लीकेज से है परेशान, तो इस एक्सरसाइज से मिलेगी राहत

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हंसते या छींकते समय यूरिन लीकेज से परेशान हैं? खैर, आप अकेली नहीं हैं जो पेल्विक फ्लोर से जुड़ी इस आम समस्या से जूझ रही हैं। ऐसे कई कारक हैं जो आपकी पेल्विक फ्लोर की मसल्‍स को कमजोर बना सकती हैं जैसे डिलीवरी, प्रेगनेंसी, अधिक वजन होना, उम्र बढ़ना और कब्ज के दौरान तनाव। मूत्र असंयम या यूरिनरी इनकंटीनेंस से पीड़ित कोई भी महिला पेल्विक फ्लोर की मसल्‍स को मजबूत बनाने वाली एक्‍सरसाइज से फायदा उठा सकती है। लेकिन पहले, यह जान लेते हैं कि पेल्विक फ्लोर क्या है, यह किन अंगों को सपोर्ट करता है और इसकी शिथिलता से जुड़ी बहुत सारी जानकारी।

पेल्विक फ्लोर क्या है?

यह मसल्‍स और कनेक्टिव टिशूओं के साथ एक फ़नल आकार की संरचना है, जो पेल्विस से जुड़ी होती है। पेल्विस आंतों, यूरेथ्रा, यूरिनरी ब्‍लैडर, रैक्‍टम, वेजाइना, सर्विक्‍स और यूट्रस जैसे अंगों का घर है।

ल्विक फ्लोर की मसल्‍स का उपयोग दैनिक कार्यों में किया जाता है। यह सेक्‍सुअल हेल्‍थ को बनाए रखने, बैठते या चलते समय हिप्‍स को स्थिर रखने में मदद कर सकती हैं।

पेल्विक फ्लोर डिसफंक्शन क्या है?

मदरहुड हॉस्पिटल्स, इंदिरानगर की कंसल्टेंट फिजियोथेरेपिस्ट, डॉक्‍टर अनिंदिता मजूमदार भट्टाचार्य का कहना है, ‘पेल्विक फ्लोर की मसल्‍स ऊपर बताए गए कई कारणों से अपनी ताकत खो सकती हैं। इसका मतलब यह है कि वह पेल्विक अंगों पर नियंत्रण खो देती हैं, इसलिए यूरिनरी इनकंटीनेंस, ओवरएक्टिव ब्‍लैडर, पेल्विक ऑर्गन प्रोलैप्स जैसे पेल्विक फ्लोर विकारों का कारण बनते हैं। कई अध्ययनों से पता चलता है कि पुरानी कब्ज और असामान्य बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स) के बढ़ते मामलों के कारण वर्ष 2050 तक पेल्विक फ्लोर विकारों से पीड़ित महिलाओं की संख्या में 70% की वृद्धि होगी।’

पेल्विक फ्लोर मसल्‍स की मजबूती के लिए उपाय

जैसे आपके शरीर की अन्य मसल्‍स को आवश्यक मात्रा में ताकत की आवश्यकता होती है, वैसे ही पेल्विक फ्लोर की मसल्‍स मजबूत होने पर सबसे अच्छी तरह से काम करती हैं। इन मसल्‍स की मजबूती से आपको यूरिन या बाउल कंट्रोल में मदद मिल सकती है और यूरिनरी लीकेज, इनकंटीनेंस और पेल्विक फ्लोर प्रोलैप्स में सुधार हो सकता है।

कई शोधकर्ताओं के अनुसार, इन मसल्‍स को निचोड़ने और सिकोड़ने से महिलाओं में सेक्‍सुअल फंक्‍शन में सुधार हो सकता है।

डॉ. अनिंदिता मजूमदार भट्टाचार्य का कहना हैं, ‘कीगल एक्‍सरसाइज मूत्र असंयम और ऐसी अन्य समस्याओं में मदद कर सकती है। यह एक्‍सरसाइज महिलाओं और पुरुषों दोनों की मदद कर सकती हैं, चाहे वे किसी भी उम्र के हों, यूरिन लीकेज को रोकने और पेल्विक की मसल्‍स को मजबूत करने में मदद कर सकती हैं।’

कीगल एक्‍सरसाइजेज कैसे करें?

सही मसल्‍स को ढूंढकर शुरू करें। पेल्विक फ्लोर की मसल्‍स की पहचान करने के लिए, दिखावा करें कि आप मसल्‍स को सिकोड़कर और निचोड़कर यूरिन को रोकने की कोशिश कर रही हैं। जिन मसल्‍स को आप रिलैक्‍स और निचोड़ा हुआ महसूस करती हैं, वे आपके पेल्विक फ्लोर की मसल्‍स हैं।

एक बार जब आप मसल्‍स की पहचान कर लें, तब आप किसी भी स्थिति में एक्‍सरसाइज कर सकती हैं, हालांकि, लेटना अधिक आरामदायक होता है। 10 सेकेंड के लिए मसल्‍स को निचोड़ें और फिर 10 सेकेंड के लिए रिलैक्‍स करें। आप इस एक्‍सरसाइज को नियमित रूप से दिन में 3 बार कर सकती हैं।

सावधानी

कीगल्स करने से यूरिन का प्रवाह बंद न हो क्योंकि इससे यूरिनरी ट्रेक्ट इन्फेक्शन हो सकता है। इस बात का ध्‍यान रखें कि एक्‍सरसाइज करने से पहले आपका ब्‍लैडर खाली होना चाहिए। आपको सावधान रहना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि आप इस प्रक्रिया में अपनी चेस्‍ट, पेट या थाइज की मसल्‍स को निचोड़ या कस नहीं रही हैं। साथ ही सांस को रोककर न रखें। इसकी बजाय, समय-समय पर खुद को आराम देकर स्वतंत्र रूप से सांस लें।

कब कर सकते हैं कीगल एक्‍सरसाइज?

सबसे अच्छी बात यह है कि इन एक्‍सरसाइज को करने के लिए आपको दिन के किसी विशेष समय को समर्पित करने की आवश्यकता नहीं होगी। आप कीगल्स दिन में किसी भी समय कर सकती हैं, सोफे पर आराम करते हुए, टीवी देखते हुए, या यहां तक कि अपनी कार में भी।

pelvic floor exercise

हालांकि,, अगर आपको एक्‍सरसाइज करते समय किसी भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, तो एक डॉक्टर से संपर्क करने में संकोच न करें जो आपकी सही तरीके से मदद कर सकता है और सही मसल्‍स की पहचान कर सकता है।

आप पेल्विक फ्लोर फिजिकल थेरेपी के लिए भी जा सकती हैं जो गंभीर शिथिलता में मदद कर सकती है। इस बात का ध्‍यान रखें कि आप कीगल एक्‍सरसाइज को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। ऐसा करने से आप 3 से 6 सप्ताह के बाद ही लाभ महसूस कर सकती हैं।

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