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IFFCO लगा रहा है ऑक्सीजन प्लांट, अस्पतालों में होगी मुफ्त सप्लाई

IFFCO

IFFCO sets up Oxygen plant at Kalol

उर्वरक का उत्पादन और बिक्री करने वाली सहकारी समिति IFFCO ने कोरोना संकट के बीच देश में ऑक्सीजन (Oxygen) की किल्लत को देखते हुए एक अच्छी पहल की है।

IFFCO गुजरात के कलोल स्थित अपने कारखाने में 200 क्यूबिक मीटर प्रति घंटे की उत्पादन क्षमता वाला एक ऑक्सीजन प्लांट लगा रहा है। IFFCO यह ऑक्सीजन अस्पतालों को म़ुफ्त में देगा। इस कारखाने से तैयार होने वाले एक ऑक्सीजन सिलेंडर में 46.7 लीटर ऑक्सीजन होगी।

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मांग होने पर इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर्स कोऑपरेटिव (IFFCO) के इस कारखाने से हर दिन 700 बड़े डी टाइप और 300 मीडियम बी टाइप सिलेंडर में मेडिकल ग्रेड के ऑक्सीजन की आपूर्ति की जाएगी। यह ऑक्सीजन अस्पतालों को मुफ्त में मुहैया किया जाएगा. यही नहीं, IFFCO महामारी में देश की मदद के लिए ऐसे तीन और प्लांट स्थापित करेगा।

इसके लिए अस्पतालों को अपना खाली सिलेंडर भेजना होगा। यदि कोई अस्पताल अपना सिलेंडर नहीं भेजता है तो उसे सिलेंडर के लिए एक सिक्योरिटी राशि जमा करनी होगी। सिलेंडर की कुछ अस्पताल जमाखोरी न कर लें उसके लिए यह व्यवस्था बनाई गई है। IFFCO के एमडी एवं सीईओ डॉ. यू.एस. अवस्थी ने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है।

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गौरतलब है कि कोविड-19 के मरीजों के लिए बेहद उपयोगी ऑक्सीजन सिलेंडर की देश में भारी किल्लत देखी जा रही है। इसे दूर करने के लिए सरकारी और गैर सरकारी दोनों स्तर से प्रयास जारी हैं। कुछ दिनों पहले रिलायंस इंडस्ट्रीज ने भी गुजरात के अपने प्लांट से 100 टन ऑक्सीजन महाराष्ट्र सरकार को भेजी थी। मुकेश की अंबानी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) जामनगर में स्थित अपनी दो तेल रिफाइनरियों से महाराष्ट्र में ट्रकों से 100 टन ऑक्सीजन पहुंचाई है।

सरकारी कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) ने भी कहा कि वह अपने कोच्चि स्थित रिफाइनरी से केरल के लिए चिकित्सकीय ऑक्सीजन की सप्लाई करेगा, ताकि कोविड-19 के गंभीर मरीजों का समुचित इलाज हो सके। बीपीसीएल का कहना है कि वह प्रतिदिन 1.5 टन ऑक्सीजन कोच्चि के सरकारी अस्पतालों को देगी।

इंडस्ट्री के अनुमानों के मुताबिक देश में फिलहाल करीब 7,200 मीट्रिक टन (MT) ऑक्सीजन का डेली उत्पादन होता है। इसमें से करीब 50 फीसदी हिस्सा मेडिकल जरूरतों के लिए इस्तेमाल होता है और आधा हिस्सा औद्योगिक जरूरतों के लिए।

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