नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus in India) से संक्रमितों की संख्या 10 लाख को पार कर गई है। देश में पिछले तीन दिनों से लगातार 34 हजार से अधिक नए मामले सामने आ रहे हैं। इस बीच इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के बयान ने देश की चिंता बढ़ा दी है। आईएमए का कहना है कि भारत में कोरोना का कम्युनिटी स्प्रेड (Community Spread in India) शुरू हो चुका है, जिसके मतलब है कि आगे हालात और ज्यादा खराब हो सकते हैं।
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एएनआई से बात करते हुए आईएमए (हॉस्पिटल बोर्ड ऑफ इंडिया) के अध्यक्ष डॉ वीके मोंगा ने कहा, ‘यह अब घातक रफ्तार से बढ़ रहा है। हर दिन मामलों की संख्या लगभग 30,000 से अधिक आ रही है। यह देश के लिए वास्तव में एक खराब स्थिति है। कोरोना वायरस अब ग्रामीण क्षेत्रों में फैल रहा है, जो की एक बुरा संकेत है। इससे पता चलता है कि देश में कोरोना का कम्यूनिटी स्प्रेड शुरू हो चुका है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, बीचे 24 घंटों में कोरोना वायरस के 38,902 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 543 लोगों की मौत हुई है। देश में कोरोना वायरस के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 10 लाख 77 हजार 618 हो गई है। इसमें से 3 लाख 73 हजार 379 एक्टिव मामले हैं, जबकि 6 लाख 77 हजार 423 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। देश में अब तक कुल 26,816 लोगों की जान जा चुकी है।
डॉ. मोंगा ने कहा कि कोरोना महामारी के मामले कस्बों और गांवों तक पहुंच गए हैं, जहां स्थिति को नियंत्रित करना बहुत मुश्किल होगा। दिल्ली में हम इसे कंट्रोल कर रहे हैं, लेकिन महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, गोवा के अंदरूनी इलाकों का क्या होगा जो नए हॉटस्पॉट बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों को पूरी सावधानी बरतनी चाहिए और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार की मदद लेनी चाहिए।
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वहीं, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने कहा कि 18 जुलाई तक कोरोना वायरस के लिए 1 करोड़ 37 लाख 91 हजार 869 नमूनों का परीक्षण किया जा चुका है। इनमे 3, लाख 58 हजार 127 नमूनों का शनिवार को परीक्षण किया गया। आईसीएमआर नियमित रूप से परीक्षण को तेजी से बढ़ा रहा है। वर्तमान में 885 सरकारी प्रयोगशालाओं और 368 निजी प्रयोगशालाओँ में कोरोना वायरस का परीक्षण किया जा रहा है।
मोंगा ने कहा कि यह एक वायरल बीमारी है जो बहुत तेजी से फैलती है। इस बीमारी को रोकने के लिए केवल दो विकल्प हैं। पहला यह कि 70 फीसदी आबादी इस बीमारी से संक्रमित हो और उनके अंदर इससे लड़ने की इम्यूनिटी विकसित हो जाए। दूसरे तरीका है कि इसकी वैक्सीन तैयार हो जाए।