सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को लड़कियों से जुड़ा एक अहम फैसला दिया। सुप्रीम कोर्ट ने लड़कियों को भी NDA एग्जाम में बैठने की इजाजत दे दी है। 8 सितंबर को इसका एग्जाम होगा। दरअसल सैनिक स्कूल और राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज में लड़कियों को दाखिला नहीं दिए जाने पर बुधवार को सुप्रीम में जनहित याचिका पर सुनवाई हो रही थी जिसमें यह निर्णय लिया गया है।
सैनिक स्कूलों ने पिछले साल से लड़कियों को प्रायोगिक तौर पर लेना शुरू कर दिया है। 15 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी ने भी लाल किले से घोषणा कर दी है कि लड़कियों को सैनिक स्कूलों में एडमिशन दिया जाएगा, मगर राष्ट्रीय इंडियन मिलेट्री कॉलेज में अभी लड़कियों को प्रवेश मिलना संभव नहीं हो पा हो रहा है।
इंडियन मिलेट्री कॉलेज में लड़कियों को एडमिशन देने से इंकार करते हुए RIMC की ओर से ASG ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि फिलहाल हम लड़कियों को RIMC में लेने की स्थिति में नहीं हैं। यह 100 साल पुराना स्कूल है। RIMC के छात्रों के लिए NDA की परीक्षा देना अनिवार्य होता है। उनका अलग बोर्ड है। यह NDA का फीडर कैडर है और NDA में महिलाओं के प्रवेश के मुद्दे से जुड़ा है।
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इस पर जस्टिस कौल ने कहा, “आप कहते हैं कि RIMC 100 साल पुराना है, तो आप 100 साल के लैंगिक भेदभाव का समर्थन कर रहे हैं? हमने पहले ही अंतरिम आदेश के जरिए लड़कियों को एनडीए में प्रवेश की अनुमति दे दी है.” इसपर जवाब देते हुए भाटी ने कहा कि RIMC के छात्रों को अनिवार्य रूप से NDA में शामिल होना है। वे कक्षा 8 के छात्रों को एडमिशन देते हैं उन्हें विशेष रूप से ट्रेनिंग दी जाती है। यदि लड़कियों को इसमें शामिल होना है तो उन्हें नियमित स्कूली शिक्षा छोड़नी होगी।