पटना। बिहार में पटना व्यवहार न्यायालय स्थित अनुसूचित जाति एवं जनजाति अधिनियम की विशेष अदालत ने एक युवक को दुष्कर्म (Rape) के मामले में आज दोषी करार देने के बाद सात वर्षों के सश्रम कारावास (Imprisonment) के साथ ही 51 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
विशेष न्यायाधीश पंकज चौहान ने मामले में सुनवाई के बाद पटना के ख्वाजा कला थाना क्षेत्र स्थित पादरी की हवेली मुहल्ला निवासी नेहाल कुमार उर्फ शौर्य को भारतीय दंड विधान और अनुसूचित जाति एवं जनजाति उत्पीड़न निवारण अधिनियम के अलग-अलग धाराओं में दोषी करार देने के बाद यह सजा सुनाई है। जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर दोषी को छह महीने के कारावास (Imprisonment) की सजा अलग से भुगतनी होगी।
मामला आलमगंज थाना क्षेत्र में वर्ष 2020 में दर्ज किया गया था। विशेष लोक अभियोजक श्याम नंदन सिंह ने बताया कि दोषी ने एक अनुसूचित जाति की महिला के साथ लगातार शारीरिक संबंध बनाने के बाद अनुसूचित जाति की होने के कारण शादी से इनकार कर दिया।