नई दिल्ली। अजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) मामले की सुनवाई आज सुप्रीम कोर्ट में हुई। सुनवाई के दाैरान वोडाफोन आइडिया के वकील मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि ‘पूरा रेवेन्यू कर्ज, टैक्स और बकाया चुकाने में खत्म हो गया है। प्रमोटरों ने 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा मूल्य के शेयर खरीदे थे, वो भी खत्म हो गए।’
कोर्ट ने कहा कि अगर आप दशकों से आप घाटे में चल रहे हैं तो हम आप पर कैसे भरोसा कर सकते हैं? आप एजीआर का बकाया कैसे चुकाएंगे? जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि अगर आप हमारे आदेश का पालन नहीं करेंगे तो हम सख्त ऐक्शन लेंगे। अब से जो गलत करेगा, हम उसे सीधे जेल भेज देंगे।
कोर्ट ने 18 जून को अपने फैसले में वोडाफोन आइडिया, भारती एयरटेल और टाटा टेलीसर्विसेज को पिछले 10 साल की बैलेंस शीट देने को कहा था। भारती एयरटेल पर कुल 44,000 करोड़ रुपए और वोडाफोन आइडिया पर 58,000 करोड़ रुपए का AGR बकाया है।
पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा, “हम हाथ जोड़कर यह निवेदन करते हैं कि बकाया चुकाने के लिए 15 साल का वक्त दिया जाए।” वोडाफोन पहले 20 साल वक्त मांग रही थी अब इसे घटाकर 15 साल कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “हमें वोडाफोन का यह कहने का टोन पसंद नहीं आया कि अगर 20 साल का वक्त नहीं दिया जाता है तो कंपनी सुप्रीम कोर्ट का आदेश नहीं मान पाएगी। यह धमकी की तरह लग रहा है।” सुप्रीम कोर्ट ने कहा, टेलीकॉम कंपनियां ईमानदारी से काम नहीं कर रही हैं।
वोडाफोन के वकील ने कहा कि कंपनी का पूरा नेटवर्थ पिछले 15 सालों में खत्म हो चुका है। उन्होंने कहा, ‘हमने वित्तीय दस्तावेज, जैसे इनकम टैक्स रिटर्न्स, जमा करवा दिए हैं। पिछले 15 सालों में कंपनी का पूरा नेटवर्थ खत्म हो गया।’