गुवाहाटी. असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद का मुद्दा सोमवार को हिंसक हो गया। दोनों राज्यों की पुलिस और नागरिकों के बीच झड़प हुई। दोनों तरफ से पहले लाठियां चलीं, मामला बढ़ा तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। इस बीच फायरिंग भी हुई। हिंसा के बाद तनाव के बीच असम और मिजोरम के बीच विवादित बॉर्डर पर CRPF तैनात की गई हैं।
इस बीच कांग्रेस ने सीमा विवाद पर हुई हिंसक झड़प के मामले में 7 मेंबर्स की कमेटी बना दी है। कमेटी मामले की रिपोर्ट पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंपेगी। कमेटी में सांसद गौरव गोगोई को भी शामिल किया गया है।
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इससे पहले असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने दावा किया कि फायरिंग में असम पुलिस के 6 जवानों की मौत हो गई है। कछार जिले के SP वैभव निंबालकर चंद्रकार भी घायल हुए हैं। उनके पैर में गोली लगी है और वे ICU में हैं। इसके साथ ही 50 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को भी चोटें आई हैं।
अतिक्रमण हटाने को लेकर दोनों राज्यों की पुलिस और नागरिकों के बीच ये विवाद शुरू हुआ। इसके बाद हालात बिगड़ते चले गए और दोनों तरफ से लाठी, पत्थर से हमला शुरू हो गया। गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में असम का दौरा किया था। उनके दौरे के दो दिन बाद यह हिंसा हुई है।
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49 साल पुराना है विवाद
मिजोरम 1972 में केंद्रशासित प्रदेश और 1987 में एक राज्य के रूप में अस्तित्व में आया। तब से ही मिजोरम का असम के साथ सीमा विवाद चल रहा है। असम के बराक घाटी के जिले कछार, करीमगंज और हैलाकांडीए मिजोरम के तीन जिलों आइजोल, कोलासिब और मामित के साथ 164 किलोमीटर लंबी बॉर्डर साझा करते हैं।
पहले असम के कछार जिले में जिस इलाके को लुशाई हिल्स के नाम से जाना जाता था, उसे ही मिजोरम का दर्जा दे दिया गया।
1933 की अधिसूचना के जरिए लुशाई हिल्स और मणिपुर का सीमांकन किया गया था।
मिजोरम का ऐसा मानना है कि यह सीमांकन 1875 की अधिसूचना पर आधारित होना चाहिए।
मिजो नेताओं का कहना है कि 1933 में मिजो समाज से सलाह नहीं ली गई थी। इसलिए वे लोग इस अधिसूचना के खिलाफ है।
दूसरी ओर असम सरकार 1933 की अधिसूचना का ही पालन करती है।
असम-मिजोरम सीमा विवाद: हिंसा में असम पुलिस के 6 जवान शहीद, बॉर्डर पर CRPF तैनात
असम के CM ने मिजोरम पुलिस का जश्न मनाते वीडियो ट्वीट किया
इस बीच, मामले में एक और नया विवाद जुड़ गया है। दरअसल, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक वीडियो ट्वीट किया है। इस वीडियो में मिजोरम पुलिस के जवानों को जश्न मनाते हुए दिखाया गया है। वे स्थानीय लोगों से हाथ मिला रहे हैं और एक-दूसरे को बधाई दे रहे हैं।
After killing 5 Assam police personnel and injuring many , this is how Mizoram police and goons are celebrating.- sad and horrific pic.twitter.com/fBwvGIOQWr
— Himanta Biswa Sarma (Modi Ka Parivar) (@himantabiswa) July 26, 2021
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कांग्रेस ने शाह को बताया जिम्मेदार
असम-मिजोरम सीमा विवाद को लेकर दोनों राज्यों की पुलिस और नागरिकों के बीच हुए खूनी संघर्ष को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट कर घटना पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों में भाजपा गठबंधन की सरकार है। केंद्र में खुद भाजपा बैठी है। इन राज्यों के मुख्यमंत्री कानून-व्यवस्था बनाए रखने में विफल रहे और लोगों को बेवजह हिंसा में धकेल दिया। यहां सीधे तौर पर गृह मंत्री अमित शाह की जिम्मेदारी बनती है। उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।