मान्यता है कि पितृ पक्ष में पितर यमलोक से धरती पर आते हैं. कई बार पितृ पक्ष के दिनों में लोगों को पितरों के सपने भी आते हैं. गरुण पुराण के अनुसार पितृ पक्ष के समय में पितरों का सपने में आना विशेष तरह का संकेत देता है.
अगर आप भी सपने में अपने पितरों को देखते हैं तो इसका अर्थ है कि आपके पितर आपसे नाराज़ हैं, वह आपको कुछ जानकारी देने की कोशिश कर रहे हैं. दरअसल पितरों का पितृ पक्ष के दिनों में सपने में आना शुभ नहीं माना जाता है.
इसलिए कहा जाता है कि पितृ पक्ष के दिनों में पिंडदान या तर्पण विधि करनी चाहिए और ब्राह्मण को भोजन कराकर उनको दक्षिणा देनी चाहिए. इससे मुक्ति पाने के लिए आप क्या उपाय कर सकते हैं जिससे पितरों की आत्मा को शान्ति मिल सके, आइये जानते हैं.
यमदूतों का सपने में दिखाई देना अच्छा नहीं माना जाता है. अगर यमदूत सपने में दिखाई दे रहे हैं तो इसका अर्थ ये माना जाता है कि पितर कष्ट में हैं और आपसे नाराज़ हैं. पितृ पक्ष में पितरों की संतुष्टि के लिए अन्न-जल का दान करें.
पितरों को रोते हुए देखना
पितरों को सपने में रोते हुए देखना भी शुभ संकेत नहीं माना जाता है. इसका अर्थ ये माना जाता है कि उनकी इच्छाएं पूरी नहीं हुई हैं और उनको मोक्ष की प्राप्ति नहीं हुई है. इसलिए उनके नाम का दान दें और उनसे अपनी गलतियों के लिए क्षमा मांगे.
अशुभ सपने देखना
पितृ पक्ष के दिनों में अगर आप सपने में काम बिगड़ता देख रहे हैं. या फिर परिवार में कोई कष्ट, बीमारी या परेशानी देख रहे हैं तो इसका अर्थ ये माना जाता है कि पितर आपके व्यवहार से खुश नहीं हैं. ऐसे में पितरों की नाराज़गी दूर करने और उनकी आत्मा की शांति के लिए पूजा-पाठ करवाना चाहिए.
कुत्ता या कौवा देखना
सपने में कुत्ते को काटता हुआ देखना या कौवे का चोंच मारते देखना भी शुभ नहीं माना जाता है. इसका अर्थ ये समझा जाता है कि आपके पितर आपसे नाराज़ चल रहे हैं. ऐसे में आप कुत्ते और कौवे को रोटी डालें. इससे पितरों की नाराज़गी दूर होती है और पितर आशीर्वाद देते हैं.