अफगानिस्तान में सेना के लिए तालिबान का सामना करना मुश्किल होता दिख रहा है। एजेंसियों के मुताबिक, मंगलवार को ही तीन बड़े शहर तालिबान के कब्ज़े में आ गए हैं। तालिबान की ओर से लगातार अफगानिस्तान के प्रांतों की राजधानियों को अपना निशाना बनाया जा रहा है। इनमें ताज़ा नाम पुल-ई-खुमरी, फैज़ाबाद, फराह का जुड़ा है।
पिछले दो से तीन दिनों में तालिबान ने करीब एक दर्जन शहरों पर अपना कब्जा जमा लिया है। जिसके बाद अफगानी सरकार और सेना के लिए मुश्किलें बढ़ती हुई दिख रही हैं। तालिबान ने पिछले तीन दिनों में जिन नौ शहरों पर कब्जा जमाया है, उनमें से कुछ काबुल के बिल्कुल नज़दीक हैं।
यही वजह है कि अब तालिबान का वर्चस्व काफी हदतक बढ़ता दिख रहा है और धीरे-धीरे अमेरिकी सेना के बाहर निकलते ही अफगानी सेना कमज़ोर होती दिख रही है।
इस सबके बीच बुधवार को अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी मज़ार-ए-शरीफ का दौरा कर रहे हैं। यहां पर राष्ट्रपति को सेना के अधिकारियों से मुलाकात करनी है, जो यहां से तालिबान के लड़ाकों का मुकाबला कर रहे हैं। काबुल के बाद अब मज़ार-ए-शरीफ ही कुछ शहरों में से एक है, जो अब भी अफगानी सरकार के कब्ज़े में है।
राज कुंद्रा की जमानत याचिका का मुंबई पुलिस ने किया विरोध, कहा- विदेश भागने का है डर
बता दें कि मज़ार-ए-शरीफ से बीते दिन ही भारत सरकार द्वारा अपने नागरिकों, कॉन्सुलेट में कार्यरत अधिकारियों, स्टाफ को वापस अपने मुल्क बुला लिया है। मंगलवार शाम को स्पेशल फ्लाइट के जरिए लोगों को मज़ार-ए-शरीफ से वापस भारत लाया गया है।
अफगानिस्तान के क्रिकेटर राशिद खान ने भी अपने देश की बुरी होती स्थिति पर दुनिया से मदद की अपील की है। राशिद खान ने मंगलवार को ट्विटर पर लिखा कि प्रिय, वर्ल्ड लीडर्स। मेरा देश इस वक्त मुश्किल में है, हज़ारों निर्दोष बच्चे, महिलाएं, लोग शहीद हो रहे हैं, घर बर्बाद हो रहे हैं।
राशिद खान ने दुनिया से अपील की है कि हमें ऐसे संकट में छोड़कर ना जाएं। हम शांति चाहते हैं, अफगानियों की मौत होने से बचाइए। बता दें कि राशिद खान अफगानिस्तान के क्रिकेटर हैं, जो भारत समेत दुनिया के सभी क्रिकेटिंग नेशन में काफी मशहूर हैं।
अगर काबुल समेत कुछ शहरों को छोड़ दें तो अफगानिस्तान के अधिकतर हिस्से पर इस वक्त तालिबान का कब्जा हो चुका है। तालिबानी लड़ाके लगातार अपना वर्चस्व बढ़ा रहे हैं, आम लोग जान बचाकर अपने घरों में छुपने की कोशिश में हैं तो तालिबानी लड़ाके सरकारी दफ्तरों को निशाना बना शहरों पर अपना हक जमा रहे हैं।