• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

फ़ूड एक्सपो-2022 से प्रसंस्करण क्षेत्र की संभावनाओं को मिलेगा व्यापक फलक

Writer D by Writer D
01/11/2022
in उत्तर प्रदेश, लखनऊ
0
India Food Expo

India Food Expo

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi)  का अपने पहले कार्यकाल से यह मानना रहा है कि उत्तर प्रदेश पर प्रकृति एवं परमात्मा की असीम अनुकंपा है। दुनियां की सबसे उर्वर भूमि में शुमार इंडो गंगेटिक बेल्ट का विस्तृत भूभाग, इसको सींचने वाली गंगा, यमुना एवं सरयू जैसी सदानीरा नदियां और 9 तरह के कृषि जलवायु क्षेत्र खेतीबाड़ी की संभवनाओं को और बढ़ा देते हैं। अगर हम अपनी उपज का प्रसंस्करण कर उनका मूल्य संवर्धन कर दें तो कई लाभ होंगे। मसलन किसानों को उनकी उपज का दाम मिलेगा। प्रसंस्करण संबंधी उद्योग स्थापित होने से स्थानीय स्तर पर उपज की ग्रेडिंग, पैकिंग, ट्रांसपोर्टेशन, लोडिंग, अनलोडिंग, मार्केटिंग के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर रोजगार मिलेगा। किसानों की आय तो बढ़ेगी। साथ ही ये इकाइयां हर परिवार, एक रोजगार एवं प्रेदश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर तक पहुचाने में भी मददगार होंगी।

खेतीबाड़ी से जुड़े करीब 15 उत्पादों के उपज में यूपी नंबर वन है। इस वजह से यहां खाद्य प्रसंस्करण की संभावना और बढ़ जाती है।

सरकार भी इन संभावनाओं से भलीभांति वाकिफ है। लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में 2 से 4 नवम्बर को आयोजित कृषि आधारित एमएसएमई उद्यमी महासम्मेलन एवं इंडिया फ़ूड एक्सपो 2022 (India Food Expo-2022) की तैयारियों के बाबत आयोजित पत्रकारवार्ता में प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त (एपीसी) मनोज कुमार सिंह ने बताया कि यूपी की अर्थव्यवस्था लगभग 250 बिलियन डॉलर की है। इसमें  से 4.5 लाख करोड़ रुपये कृषि और 50 हजार करोड़ रुपये का योगदान फूड प्रोसेसिंग क्षेत्र का है। प्रदेश में हजार 70 पंजीकृत और लाख 20 गैर पंजीकृत एमएसएमई इकाइयां हैं।

टेक्सटाइल सेक्टर के बाद फूड सेक्टर में ही सबसे ज्यादा रोजगार उपलब्ध है। प्रदेश पूरे देश में एमएसएमई सेक्टर के तहत लोगों को राेजगार उपलब्ध कराने में दूसरा स्थान रखता है। ऐसे में प्रदेश को वन ट्रिलियन इकॉनमी बनाने में फूड प्रोसेसिंग का अहम रोल है। आयोजन में भाग लेने वाले संस्थान (कार्यक्रम में केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, केन्द्रीय आलू अनुसंधान संस्थान, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ पैकेजिंग, केन्द्रीय खाद्य प्रोद्योगिकी अनुसंधान संस्थान, फ्लेवर्स एंड फ्रेगरेंस विकास केंद्र कन्नौज, यूपीसीडा, योजना विभाग) एवं इस क्षेत्र से जुड़ी 1500 इकाइयों के डेमो, एवं विषय विशेषज्ञों के सेमिनार से प्रदेश के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को अपने विस्तार का एक नया फलक मिलेगा।

क्या कहती है ग्रैंडथार्टन की रिपोर्ट

देश के शीर्षस्थ औद्योगिक संगठन एसोचैम और चार्टर्ड एकाउंटेंट की वैश्विक संस्था  ग्रैंडथार्टन की एक रिपोर्ट में भी इस क्षेत्र की संभावनाओंभी चर्चा की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2024 तक इस क्षेत्र में करीब एक करोड़ रोजगार के मौके सृजित होंगे। इसमें से करीब 10 लाख लोगों को तो सीधे रोजगार मिलेगा। शहरीकरण, एकल परिवार के बढ़ते चलन के कारण प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों की मांग बढनी ही है। विदेशी बाजारों में भी ऐसे गुणवत्ता युक्त उत्पादों की अच्छी मांग है।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अपने पहले कार्यकाल से ही यह मानना रहा है कि खाद्य पदार्थों, सब्जियों और फलों के मूल्य संवर्धन (वैल्यू एडिशन) से ही किसानों की आय बढ़ेगी।

योगी 2.0 की शुरुआत में भी खेतीबाड़ी से जुड़े सात विभागों की मंत्री परिषद के समक्ष हुई बैठक में मुख्यमंत्री  ने निर्देश दिए थे कि पहले चरण में वाराणसी, गोरखपुर, झांसी, बुलन्दशहर और लखीमपुर खीरी के लिए इस बाबत योजना तैयार की जाय। प्रदेश की लगभग सभी मंडियों में इतनी जमीन है कि उनमें वहां की जरूरत के अनुसार प्रसंस्करण इकाइयां लगाई जाय। लिहाजा मंडियों में पब्लिक, प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना की जाय। ऐसी ही पहल हर जिले में बने कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) के लिए भी की जाय। यही नहीं तैयार और कच्चे माल के सुरक्षित भंडारण के लिए स्टोरेज बनाने का निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिया था।

उत्तर प्रदेश में संभावनाएं

चूंकि यूपी गेंहू, गोभी, तरबूज, आम, अमरुद, आवला, शाक भांजी, मेंथा, दूध और मांस आदि के उत्पादन में देश में नंबर एक है। सर्वाधिक आबादी के नाते श्रम और बाजार भी कोई समस्या नहीं है। 9 तरह के कृषि जलवायु क्षेत्र और भरपूर पानी की उपलब्धता की वजह से किसानों को प्रसंस्करण इकाइयों की मांग के अनुसार फसल उगाना आसान है। इन्हीं संभावनाओं के मद्देनजर योगी सरकार का जोर खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को बढ़ावा देने का है। दो से चार नवम्बर तक होने वाले आयोजन का मकसद भी यही है।

योगी सरकार की अब तक की पहल

भाजपा ने अपने लोक कल्याण संकल्प पत्र-2022 में प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में  6 मेगा फ़ूड पार्क लगाने के प्रति प्रतिबद्धता जतायी थी। उसी प्रतिबद्धता के क्रम में गत दिनों खेतीबाड़ी से जुड़े सात विभागों की मंत्री परिषद के समक्ष हुई बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश दिया।

इसी क्रम में सरकार

सहारनपुर, लखनऊ, हापुड़, कुशीनगर, चन्दौली व कौशाम्बी में आलू और क्षेत्र विशेष की फसलों को ध्यान में रखते हुए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजनांतर्गत 14 नए इन्क्यूबेशन सेंटरों का निर्माण शुरू करने की तैयारी है।

अब तक के कार्य और नतीजे

अपने पहले कार्यकाल के शुरुआती दिनों में ही नई खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति जारी कर सीएम योगी ने संभावनाओं से भरे इस सेक्टर को एक दिशा दी थी। लगातार कोशिशों के नतीजे भी सकारात्मक रहे। इस दौरान उद्यान (हॉर्टिकल्चर) सेक्टर में जहां फल, शाकभाजी, फूल, मसाला फसलों आच्छादन में 1.01 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल का विस्तार हुआ तो उत्पादन में भी 07 फीसदी तक बढ़ोतरी दर्ज की गई। इंडो-इजराइल तकनीक पर आधारित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बस्ती (फल) और कन्नौज (सब्जी) में स्वीकृत हुआ तो संरक्षित खेती से पुष्प और सब्जी उत्पादन के लिए 177 हेक्टेयर क्षेत्रफल में 554 किसानों द्वारा पॉलीहाउस/शेडनेट हाउस भी तैयार कराया गया। आलू के भंडारण की क्षमता में 30 लाख मीट्रिक टन की बढ़ोतरी हुई तो प्याज भंडारण के लिए करीब 200 भंडारण केंद्र बनाए गए।

योगी सरकार-2 की कार्ययोजना

कृषि उत्पादक संगठनों को प्रोत्साहन देने की रणनीति के तहत जल्द ही फसल विशेष के लीड 4000 नए एफपीओ बनाने की तैयारी है। इन्हें 18 लाख रुपए तक का अनुदान भी देय होगा। रोजगारोन्मुखी कोशिशों के तहत कुकरी, बेकरी और कन्फेक्शनरी के लिए युवाओं को ट्रेनिंग देने का विशेष अभियान जल्द ही शुरू होने जा रहा है। इसी तरह, राजकीय खाद्य विज्ञान प्रशिक्षण केंद्रों पर एक वर्षीय/एक माह/100 दिन की अवधि वाले ट्रेड डिप्लोमा कोर्स और राजकीय सामुदायिक फल संरक्षण केंद्रों पर 15 दिन/03 दिन की अल्प अवधि के प्रशिक्षण कोर्स भी शुरू करने की योजना पर सरकार काम कर रही है।

केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार खेत से बाजार तक पहुंचने के दौरान हर साल करीब 92651 करोड़ के अनाज, दूध, फल, मांस और मछलियां बर्बाद हो जाती हैं। इनमें से 40811 करोड़ रुपये की सिर्फ फल और सब्जियां होती हैं। चूंकि तमाम चीजों के उत्पादन में उत्तर प्रदेश ही अग्रणी है। लिहाजा सर्वाधिक घाटा भी यहां के ही किसान रहते हैं। प्रसंस्करण की इकाइयां लगने से यह बर्बादी रुकेगी। इसका सीधा लाभ यहां के किसानों को मिलेगा। साथ ही इन इकाइयों के लिए

कच्चे और तैयार माल के उत्पादन, ग्रेडिंग, पैकिंग, लोडिंग-अनलोडिंग और इनको बाजार तक पहुंचाने के क्रम में स्थानीय स्तर पर लोगों को बड़ी संख्या में रोजगार मिलेगा।

तो सुर्खियां नहीं बनेंगी आलू, टमाटर और प्याज की मंदी

ऐसा होने पर प्याज, आलू, टमाटर की मंदी सुर्खियां नहीं बनेंगी। प्रसंस्करण तो एक जरिया होगा ही। साथ ही सरकार ऐसी फसलों का एमसपी के दायरे में लाएगी। इसके लिए एक हजार करोड़ रुपये का “भामाशाह भाव स्थिरता कोष” बनेगा।

Tags: india food expoLucknow Newsup newsyogi 2.0Yogi News
Previous Post

शूज फैक्ट्री में लगी आग में दो की मौत, दमकल की 10 गाडियां मौजूद

Next Post

सीएम धामी ने आज रानीबाग स्थित एचएमटी परिसर का किया निरीक्षण

Writer D

Writer D

Related Posts

The most attractive aspect of UPITS is the food court.
उत्तर प्रदेश

यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में ‘यूपी का स्वाद’ बेमिसाल, जायकों के संग उमड़ी भीड़

28/09/2025
CM Yogi
उत्तर प्रदेश

आत्मनिर्भर पंचायतों से ही साकार होगी विकसित यूपी की परिकल्पना: मुख्यमंत्री

28/09/2025
UP Singh
उत्तर प्रदेश

पंचतत्व में विलीन हुए प्रो. यूपी सिंह, मुख्यमंत्री ने दी श्रद्धांजलि

28/09/2025
68,000 KGBV girls came on stage together
Main Slider

एक साथ मंच पर उतरीं KGBV की 68,000 बालिकाएं, सामाजिक बुराइयों पर करारा प्रहार

28/09/2025
Encounter
Main Slider

पुलिस मुठभेड़ में कुख्यात अपराधी ढेर, एक लाख का था इनामी

28/09/2025
Next Post
cm dhami

सीएम धामी ने आज रानीबाग स्थित एचएमटी परिसर का किया निरीक्षण

यह भी पढ़ें

arrested

ऑनलाइन शापिंग के नाम पर करोड़ो की ठगी करने वाला गिरफ्तार

14/08/2021
The water of Yamuna reached the walls behind the Taj Mahal

45 साल बाद आगरा में बाढ़ के हालात, ताजमहल पर मंडराया खतरा

19/08/2025

बिछड़े प्रेमियों के दर्द को खूबसूरत तरीके से पेश करता एक्ट्रेस लिजा मलिक का ये गाना

24/07/2020
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version