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भारतीय तीरंदाजों ने लहराया जीत का परचम, ‘पुष्पा स्टाइल’ में मनाया गोल्ड जीतने का जश्न

नई दिल्ली। हिंदुस्तान अभी निकहत जरीन (Nikhat Zareen) के गोल्ड मेडल की जीत में ही चूर था की अब एक और सुनहरी जीत की आई खबर ने उसे जश्न का एक और मौका दे दिया है। इस बार सोना (Gold Medal) मुक्के से नहीं तीरंदाजों (Archers) के चलाए तीर से मिला है।

उनके उस अचूक निशाने से मिला है, जिसने आर्चरी वर्ल्ड कप (Archery World Cup) के फाइनल में फ्रांस (France) के निशाने को बेबस कर दिया। भारत के तीरंदाजों (Archers) ने आर्चरी वर्ल्ड कप (Archery World Cup) के फाइनल मुकाबले में फ्रांस से बेहतर निशाना लगाते हुए उन्हें 232-230 के अंतर से हराया। भारत ने ये गोल्ड मेडल मेंस टीम के कंपाउंड इवेंट में जीता है। देश के लिए ये गोल्डन निशाना अमन सैनी, अभिषेक वर्मा और रजत चौहान ने लगाया।

भारत की इस तिकड़ी ने इस बार गोल्ड मेडल स्टेज टू में जीता है। इससेे पहले इस तिकड़ी ने स्टेज वन में भी गोल्ड मे़डल जीता है। इस बैक टू बैक गोल्डन सफलता के बाद भारतीय टीम केे हौसले बुलंद है।

पिछड़कर कर वापसी करते हुए भारत ने जीता सोना

गोल्ड मेडल जीतना बेशक आसान हो सकता है। लेकिन, पिछड़कर वापसी करते हुए उसे जीतना उतना आसान नहीं होता। चौथे नंबर की वर्ल्ड रैंकिंग वाली भारतीय टीम ने वर्ल्ड नंबर 6 फ्रांस की टीम के खिलाफ भी कुछ इसी अंदाज मेें आर्चरी वर्ल्ड कप का फाइनल जीता है। पहले दो राउंड में भारतीय टीम फ्रांस की तिकड़ी से पीछे चल रही थी, लेकिन फिर तीसरे राउंड अपने अचूक निशाने उन्होंने फ्रांस के अरमानों पर पानी फेर। दोनों टीमों के बीच जीत का अंतर सिर्फ 2 पॉइंट का रहा।

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भारत और फ्रांस के तीरंदाजों का जब भी आमना सामना हुआ है उनके बीच कांटे की टक्कर हुई है। इससे पहले अप्रैल में जब अंताल्या में आर्चरी वर्ल्ड कप हुआ था, तो इसी भारतीय तिकड़ी ने फ्रांस की टीम को एक पॉइंट के अंतर से हराया था।

खैर जीत तो जीत होती है फिर चाहे वो एक पॉइंट, दो पॉइंट की हो या उससे कहीं अधिक पॉइंट की। भारत की तिकड़ी में ग्वागजू में फ्रांस को 2 पॉइंट से हराते हुए जो सोना जीता है, उसके बाद उन्होंने उसका जश्न भी मनाया। और, ये जश्न मना बिल्कुल पुष्पा स्टाइल में। ये स्टाइल नहीं झुकने का इशारा करता है। और भारतीय टीम ने गोल्डन जीत दर्ज कर वही साबित किया है।

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