नई दिल्ली। हम शेयर बाजार की बात करें, तो इस साल बाजार ने निवेशकों को कई बार आश्चर्यचकित किया है। कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत में बाजार निचले स्तर पर पहुंच गया, तो अब साल 2020 के आखिरी समय में यह अपने सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर है। भारतीय कंपनियों ने इस साल आईपीओ (IPO) के जरिए 30,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं, जो कि पिछले दस वर्षों में दूसरा सबसे बड़ा मोप-अप है।
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एसीई इक्विटी के अनुसार, साल 2011 में कंपनियों मे 10 हजार करोड़ से अधिक राशि आईपीओ के जरिए जुटाई थी। इसके बाद साल 2016 में 25 हजार करोड़ से अधिक राशि कंपनियों ने आईपीओ के जरिए जुटाई। वहीं, साल 2017 मे सबसे अधिक 60 हजार करोड़ से ज्यादा राशि कंपनियों ने आईपीओ के जरिए जुटाई। इस दशक में साल 2017 के बाद साल 2020 में कंपनियों ने आईपीओ के जरिए सबसे अधिक पूंजी जुटाई है। इस साल में अब तक भारतीय कंपनियां आईपीओ के जरिए 30 हजार करोड़ से अधिक राशि जुटा चुकी हैं।
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इस साल भारतीय कंपनियों द्वारा लॉन्च किये गए आईपीओ खूब ओवरसब्सक्राइब हुए हैं। Chemcon Speciality का आईपीओ 149 गुणा ओवरसब्सक्राइब हुआ और 115 फीसद के लाभ के साथ सूचीबद्ध हुआ। हैप्पीएस्ट माइंड्स (Happiest Minds), रूट मोबाइल (Route Mobile) और बर्गर किंग (Burger King) क्रमश: 111 फीसद, 102 फीसद और 92 फीसद के लाभ के साथ लिस्टेड हुए।