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3.75 ट्रिलियन डॉलर की हुई भारतीय GDP, इन बड़े देशों को भी पीछे छोड़ा

GDP

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भारतीय इकोनॉमी (Indian Economy) ने 2023 में बड़ा रिकॉर्ड कायम किया है। देश की ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (GDP) ने 3.75 ट्रिलियन डॉलर के स्तर को छू लिया है। इस बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ऑफिस ने ट्वीट कर के जानकारी दी है। साल 2014 के बाद देश की जीडीपी लगभग दो ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर 2023 में 3.75 ट्रिलियन डॉलर पर पहुंची है। वित्त मंत्रालय ने आगे कहा कि भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।

इन देशों से अधिक भारत की GDP

मौजूदा प्राइस के लिहाज से भारत की GDP 3,737 अरब डॉलर है। अगर विकसित देशों के साथ तुलना करें तो भारत की GDP अमेरिका (26,854 अरब डॉलर), चीन (19,374 अरब डॉलर), जापान (4,410 अरब डॉलर) और जर्मनी की जीडीपी (4,309 अरब डॉलर) से कम है।

मौजूदा कीमतों पर भारत की जीडीपी ब्रिटेन (3,159 अरब डॉलर), फ्रांस (2,924 अरब डॉलर), कनाडा (2,089 अरब डॉलर), रूस (1,840 अरब डॉलर) और ऑस्ट्रेलिया (1,550 अरब डॉलर) से अधिक है।

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वित्त मंत्रालय की ओर से किए गए ट्वीट में लिखा गया है कि भारत की जीडीपी 2023 में 3.75 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गई है, जो 2014 में लगभग 2 ट्रिलियन डॉलर पर थी। भारतीय इकोनॉमी को ग्लोबल स्तर पर चमकदार माना जा रहा है।

भारतीय अर्थव्यवस्था की बढ़ोतरी का अनुमान

इस बीच रेटिंग एजेंसी मूडीज ने रविवार को जून तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था के 6 फीसदी से 6.3 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया है। हालांकि मूडीज का अनुमान है कि भारत की इकोनॉमी पिछले हफ्ते भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अनुमानित 8 फीसदी की वृद्धि दर से काफी कम है। मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस के एसोसिएट प्रबंध निदेशक जीन फैंग ने एक इंटरव्यू में पीटीआई से कहा था कि हमें उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत की विकास दर लगभग 6-6.3 प्रतिशत रहेगी।

क्या है GDP?

किसी देश की सीमा में एक निर्धारित समय के भीतर तैयार सभी वस्तुओं और सेवाओं के कुल मौद्रिक या बाजार मूल्य को सकल घरेलू उत्पाद (GDP) कहते हैं। यह किसी देश के घरेलू उत्पादन का व्यापक मापन होता है और इससे किसी देश की अर्थव्यवस्था की सेहत पता चलती है। अधिकतर देशों में इसकी गणना सालाना होती है। लेकिन भारत में इसे हर तीन महीने यानी तिमाही में आंका जाता है। कुछ साल पहले इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, बैंकिंग और कंप्यूटर जैसी अलग-अलग सेवाओं यानी सर्विस सेक्टर को भी जोड़ दिया गया।

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