भारत के स्टार शटलर किदांबी श्रीकांत टोक्यो ओलिंपिक के लिए बिना कोशिश किए बाहर हो जाने से नाराज हैं। उन्होंने बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन (BWF)को क्वालिफिकेशन प्रोसेस बंद करने के अपने फैसले के बारे में विचार करने के लिए कहा है। श्रीकांत ने कहा कि पिछले 1 साल में जब से कोरोना महामारी फैली है, तब से 5-6 बैडमिंटन टूर्नामेंट कैंसिल हुए। BWF को इन सब को ध्यान में रखना चाहिए था। दरअसल शुक्रवार को बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन (BWF) ने ऐलान किया था कि टोक्यो ओलिंपिक के लिए क्वालिफिकेशन विंडो बंद कर दिया गया है। अब किसी के रैंक में कोई सुधार नहीं होगा। इससे श्रीकांत और साइना नेहवाल के क्वालिफाई करने की उम्मीद खत्म हो गई थी।
जिसके बाद श्रीकांत ने कहा- पिछले कुछ महीनों में कोरोना की वजह से स्थिति कंट्रोल से बाहर थी। पर BWF हाईएस्ट बैडमिंटन अथॉरिटी होने की वजह से विचार कर सकता है। इससे पिछले 5-6 टूर्नामेंट जो कैंसिल हुए, उससे जिन-जिन खिलाड़ियों को मदद मिलती, उन सभी रैंकिंग में फायदा पहुंचा सकते थे। उन्होंने कहा अगर ऐसा होता, तो मेरे टोक्यो ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई करने के बहुत अच्छे चांसेज थे। इसलिए BWF को इस मामले पर फिर से गौर करना चाहिए। जिन्होंने क्वालिफाई कर लिया है, वे बहुत खुश हैं और जो नहीं कर पाए, वे खुद को अनलकी समझ रहे हैं।
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आगे श्रीकांत ने कहा पिछले साल कोई नहीं जानता था क्यो होगा। 2020 में मार्च में लॉकडाउन लगा। फिर दिसंबर में सबकुछ नॉर्मल होने लगा। मैंने इस साल जनवरी में थाईलैंड जाकर 2 टूर्नामेंट खेले। इसके बाद मार्च में फिर सबकुछ कोरोना की वजह से बिगड़ने लगा और टूर्नामेंट्स कैंसिल हो गए।
श्रीकांत ने कहा मैंने 2016 रियो ओलिंपिक में देश का प्रतिनिधित्व किया और क्वार्टरफाइनल तक पहुंचा। इसलिए इस बार मेडल लाना चाहता था। अब मैं बहुत निराश हूं। अगर BWF चाहे तो अभी भी नए नियम बना सकता है और चांसेज हैं। पर ये मेरा अंत नहीं है। मैं आगे और मेहनत करूंगा और अच्छा करने की कोशिश करूंगा।