हिंदू कैलेंडर के अनुसार आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को इंदिरा एकादशी (Indira Ekadashi ) मनाई जाती है। इस वर्ष 10 अक्टूबर मंगलवार को इंदिरा एकादशी मनेगी। इसे श्राद्ध एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। ये एकादशी पितृपक्ष के दौरान आती है, इसलिए इसका महत्व बहुत बढ़ जाता है। इस दिन मंदिरों में भगवान श्रीहरि व मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाएगी।
इस व्रत का महत्व
पंडित रामजीवन दुबे और विष्णु राजौरिया ने बताया कि इंदिरा एकादशी (Indira Ekadashi ) का व्रत रखने से पितरों के आत्मा को शांति मिलती है। उन्हें स्वर्ग लोक की प्राप्ति होती है। साथ ही इस व्रत से जातक के सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है। पंडित विनोद गौतम ने बताया कि हिंदू धर्म में इंदिरा एकादशी विशेष मानी जाती है। एकादशी (Indira Ekadashi ) का उपवास भी रखा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि पितृ पक्ष में आने वाले एकादशी का व्रत रखने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। भगवान विष्णु के साथ पूर्वजों की कृपा भी जातक पर सालभर बनी रहती है।
तिथि
पंडित जगदीश शर्मा ने बताया कि इस वर्ष नौ अक्टूबर को दोपहर 12:6 से इंदिरा एकादशी की शुरुआत होगी। 10 अक्टूबर को दोपहर 03:08 तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार, 10 अक्टूबर को एकादशी व्रत रखा जाएगा। भगवान की पूजा-अर्चना की जाएगी।
ऐसे करें पूजन
– प्रात: काल उठें व स्नान करने के बाद धुले व साफ कपड़े पहनें।
– घर के मंदिर को साफ कर, उसमें भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें। मंदिर भी जा सकते हैं।
– इसके बाद विष्णुजी को फल, फूल, तुलसी का पत्ता और मिठाई अर्पित करें।
– भागवत गीता का पाठ या उनके मंत्रों का जाप करें।
– इसके बाद श्रीहरि की श्रद्धाभाव आरती करें।
– एकादशी व्रत के दिन व्रती को तुलसी का पत्ता नहीं तोड़ें।
– एकादशी व्रत में सात्विक भोजन बनाएं। ब्राह्मण को भोजन कराएं।
– गाय, कौवा, कुत्ता व चीटियों के लिए भोजन जरूर निकाल कर रख लें। उन्हें भी भोजन कराएं।