कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और उत्तराखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश का सोमवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया। इंदिरा को उनके तीन बेटों ने हल्द्वानी के रानीबाग-चित्रशिला घाट पर मुखाग्नि दी। इंदिरा का निधन रविवार को दिल्ली में हो गया था। जहां वो 2022 विधानसभा चुनावों के लिए एक विशेष बैठक में हिस्सा लेने के लिए पहुंची हुई थीं।
इंदिरा के अचानक निधन से कांग्रेस 2022 चुनाव से पहले ये बड़ा झटका है। खास बात ये है कि इंदिरा हृदयेश इस बार बहुत मजबूती से मुख्यमंत्री बनने का ख्वाब देख रही थीं। मां इंदिरा हृदयेश के अंतिम विदाई देने से पहले उनके राजनीतिक वारिस और कांग्रेस के एआईसीसी सदस्य सुमित हृदयेश ने इस बात का खुलासा किया।
सुमित ने बताया कि मां की इच्छा अब चुनाव लडऩे की नहीं थी। वो कहती थीं कि मैंने साल 1974 से अभी तक बहुत चुनाव लड़ लिए हैं, इसलिए अब लडऩे की इच्छा नहीं, लेकिन साथ ही सुमित बताते हैं कि मां कहती थीं कि उनका सपना एक बार मुख्यमंत्री बन उत्तराखंड की सेवा करने का है।
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सुमित के मुताबिक इंदिरा को लगता था कि 2022 में कांग्रेस अगर सत्ता में आई तो उनका मुख्यमंत्री बनने का सपना पूरा हो सकता है। इसलिए वो 2022 का चुनाव लडऩा चाहती थीं। सुमित कहते हैं कि मां का मुख्यमंत्री बनने का ख्वाब अब कभी पूरा नहीं होगा, क्योंकि वो अब इस दुनिया को अलविदा कहकर चली गईं। सुमित कहते हैं कि वो मां के अधूरे ख्वाब को कांग्रेस की सत्ता में वापसी के साथ पूरा करना चाहेंगे।
अंतिम संस्कार में शामिल हुए सीएम समेत कई राजनेता
इंदिरा को मुखाग्नि देने से पहले सीएम तीरथ सिंह रावत, सांसद अजय भट्ट, अनिल बलूनी, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, उत्तराखंड में कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत, यशपाल आर्य, सुबोध उनियाल, अरविंद पांडे, हरक सिंह रावत, रेखा आर्य, विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद्र अग्रवाल, कांग्रेस महासचिव हरीश रावत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय, पूर्व मंत्री तिलकराज बेहड़, हरीश चंद्र दुर्गापाल, गोविंद सिंह कुंजवाल, विधायक देशराज कर्णवाल, काजी निजामुद्दीन, आदेश चौहान, हरीश धामी, संजीव आर्य, राम सिंह कैड़ा, उमेश शर्मा काऊ इंदिरा को श्रद्धांजलि देने पहुंचे।