सिद्धार्थनगर। नेपाल और भारत के पत्रकारों के एक संयुक्त समूह ने हाल ही में बौद्ध सर्किट के महत्वपूर्ण स्थलों चार धाम लुम्बिनि, बोधगया, सारनाथ, कुशीनगर का सामूहिक भ्रमण कर अवलोकन किया। भ्रमण के उद्देश्य दोनों देशों के बीच पर्यटन को बढ़ावा देना व ऐतिहासिक तथा सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करना है। इस पहल से बौद्ध धर्म से जुड़े स्थलों के महत्व को उजागर करने और उनके संरक्षण व विकास के लिए मिलकर काम करने की उम्मीद है।
इस अवलोकन यात्रा में नेपाल के लुम्बिनी विकास कोष के निवर्तमान बोर्ड सदस्य राजेश ज्ञवाली के नेतृत्व मे भारत एवं नेपाल के विभिन्न मीडिया संस्थानों के पत्रकारगण शामिल रहे।
समूह ने सबसे पहले भगवान बुद्ध की जन्मस्थली लुम्बिनी का दौरा किया, जहाँ उन्होंने मायादेवी मंदिर, अशोक स्तंभ और विभिन्न देशों द्वारा निर्मित मठों का अवलोकन किया। पत्रकारों ने लुम्बिनी के शांत वातावरण और यहाँ की आध्यात्मिक ऊर्जा की सराहना की। भारतीय पत्रकारों ने नेपाल में लुम्बिनि की ऐतिहासिक स्थलों की महत्ता को समझा और उनके उचित प्रचार-प्रसार की आवश्यकता पर बल दिया।
नेपाल के बाद दोनो देशो कि टोली भारत उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले से गौतम बुद्ध के महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर का भ्रमण किया। भ्रमण के दौरान समूहिक टीम ने कुशीनगर सदर विधायक मनीष जायसवाल से मुलाकात किया। मुलाकात के दौरान विधायक मनीष जयसवाल ने दोनो देशो के बीच सांस्कृतिक और धार्मिक सम्बन्धो का जिक्र करते हुए बुद्ध सर्किट के जरिए दोनो देश मे पर्यटकीय स्थलो के विकास पर जोर दिया। उन्होंने बौद्ध सर्किट के समग्र विकास, कनेक्टिविटी बढ़ाने और पर्यटकों के लिए सुविधाओं में सुधार पर चर्चा की। दोनों देशों के पत्रकारों ने इस बात पर सहमति व्यक्त की, कि बौद्ध सर्किट में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, और सामूहिक प्रयासों से इसे विश्व स्तर पर एक प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन गंतव्य के रूप में विकसित किया जा सकता है।
दोनों देशों के प्रतिनिधि मण्डल ने बिहार के पटना स्थित पर्यटन निदेशालय का भ्रमन कर जन सम्पर्क अधिकारी रवि शंकर उपाध्याय से सम्पर्क बौद्ध सर्किट बिहार की जानकारी प्राप्त की तत्पश्चात, समूह ने बोधगया मे अवस्थित महाबोधी मन्दिर सहित वहा के महत्वपूर्ण धार्मिक पर्यटकिय स्थलो का भ्रमण किया। रॉयल थाइ मोनाष्ट्री के प्रमुख भिक्षु निफोन ने भ्रमण मे सहभागी पत्रकारो का स्वागत किया। बोधगया स्थित पर्यटन कार्यालय के सहायक सुचना अधिकारी मनमोहन सिंह ने भ्रमण दलक स्वागत करते हुए बिहार धार्मिक और सांस्कृतिक मामले मे और राज्यो से मजबुत होने कि बात कही। उन्होने बिहार के विभिन्न धार्मिक और पर्यटकिय स्थल का महत्व विस्तार से बताया। अगले दिन दोनों देशों की सामूहिक टोली सारनाथ पहुँची जँहा परय बुद्ध से जुड़ी धर्मचक्र प्रवर्तन धमेक स्तूप का अवलोकन किया जँहा पर बुद्ध ने अपने प्रथम उपदेश दिए थे,और यंही बौद्ध संघ की स्थापना भी हुई थी। अंत मे सामूहिक टीम ने श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में जलाभिषेक किया, जँहा पर कैंट थाना प्रभारी निरीक्षक शिवकांत मिश्रा ने सामूहिक टोली को वाराणशी और सारनाथ के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
यात्रा के दौरान, पत्रकारों ने स्थानीय अधिकारियों और पर्यटन विशेषज्ञों से मुलाकात के दौरान नेपाली पत्रकारों ने भारत से आने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ाने का आह्वान किया, जबकि भारतीय पत्रकारों ने नेपाल में बौद्ध स्थलों के रखरखाव और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए समर्थन का आश्वासन दिया।
यह सामूहिक अवलोकन यात्रा न केवल बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए बल्कि इतिहास और संस्कृति में रुचि रखने वालों के लिए भी एक महत्वपूर्ण संदेश देती है। उम्मीद है कि इस तरह के संयुक्त प्रयासों से नेपाल और भारत के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध और प्रगाढ़ होंगे, साथ ही बौद्ध सर्किट विश्व पर्यटन मानचित्र पर अपनी एक अलग पहचान बना पाएगा।