• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

हिन्द-प्रशांत अतीत का नहीं, बल्कि भविष्य का संकेत है : जयशंकर

Writer D by Writer D
20/11/2020
in Main Slider, ख़ास खबर, नई दिल्ली, राजनीति, राष्ट्रीय
0
14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हिंद-प्रशांत अवधारणा दबदबा बढ़ाने के दृष्टिकोण की अस्वीकृति है तथा यह भी जाहिर करती है कि कुछ देशों के फायदे के लिए विश्व को रोका नहीं जा सकता।

वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि हिंद-प्रशांत अतीत का नहीं, बल्कि भविष्य का संकेत है और शीत युद्ध की मानसिकता वालों को ऐसे इरादों को देखना होगा।

क्षेत्र में चीनी सेना के बढ़ते दखल की पृष्ठभूमि में विदेश मंत्री का यह बयान आया है। चीन की वर्चस्ववादी नीतियों पर इन दिनों कई अग्रणी वैश्विक ताकतों के बीच चर्चा चल रही है।

लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर हादसा, अनियंत्रित होकर कार पलटी, बच्चे की मौत

जयशंकर ने कहा कि हालिया समय में हिंद-प्रशांत की विचारधारा की मान्यता बढ़ रही है और इस पर आसियान का नजरिया भी उल्लेखनीय कदम है। हिंद-प्रशांत और कोविड-19 संकट विषय पर आयोजित सत्र में जयशंकर ने कहा,   विभिन्न देशों के अलावा हाल में हमने जर्मनी, फ्रांस और नीदरलैंड को भी यह दृष्टिकोण  अपनाते देखा है। समय की मांग है कि इसे व्यावहारिक आकार दिया जाए। यह क्वाड की तरह विविध स्तर पर राजनयिकों के बीच विचार-विमर्श के जरिए हो सकता है।

उन्होंने कहा कि यह समुद्री सुरक्षा, समुद्री पारिस्थितिकी, समुद्री संसाधन, क्षमता निर्माण और संसाधन का बंटवारा, आपदा का जोखिम घटाने और प्रबंधन के सात स्तंभों पर आधारित है।

एक बार फिर विवादों से घिरे कॉमेडियन कुणाल कामरा, इस ट्वीट पर मचा बवाल

जयशंकर ने कहा कि किसी भी नजरिए से हिंद-प्रशांत क्षेत्र वर्तमान हकीकत की ज्यादा समकालीन व्याख्या है और ऐसे परिदृश्य में व्यापक सहयोग की जरूरत है।

विदेश मंत्री ने कहा कि हिंद-प्रशांत अवधारणा दबदबा बढ़ाने के दृष्टिकोण की अस्वीकृति है और इसका यही मतलब हो सकता है। यह दोहराता है कि कुछ के फायदे के लिए विश्व को रोका नहीं जा सकता, भले ही यह संयुक्त राष्ट्र का मामला है। जयशंकर ने कहा कि हर युग अपनी रणनीतिक अवधारणा का सृजन करता है और मौजूदा अवधारणा भी अपवाद नहीं है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक जून 2018 को सिंगापुर में शांगरी ला वार्ता में अपने संबोधन में हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए भारत के दृष्टिकोण को रेखांकित किया था। हिंद प्रशांत को लेकर भारत का नजरिया समावेशी है और वह अंतरराष्ट्रीय समुद्र से गुजरने, नौवहन की आजादी के सबके अधिकार का सम्मान करता है।

Tags: Foreign Minister Jai ShankarNational newspolitical news
Previous Post

पर्यटकों की मदद के साथ 18 भाषाओं में बातचीत की सुविधा देगी यूपी सरकार

Next Post

दिल्ली हिंसा: उमर खालिद और शरजील की न्यायिक हिरासत 23 नवंबर तक बढ़ी

Writer D

Writer D

Related Posts

mirror
Main Slider

इस हिस्से में शीशा लगाने से आएंगी बड़ी समस्याएं, जानें सही दिशा

11/10/2025
Tulsi Manjri
Main Slider

इस हिस्से में रखें तुलसी मंजरी, घर में होगा पैसों का आगमन

11/10/2025
mirror
Main Slider

यहां ना लगाएं शीशा, घर में होगी नेगेटिव एनर्जी की एंट्री

11/10/2025
Hair Accessories
फैशन/शैली

ये चीजें बढ़ाएंगे आपके बालो की खूबसूरती

11/10/2025
saree
Main Slider

साड़ी पहनते वक्त न करें ये मिस्टेक्स, पूरा लुक हो जाएगा खराब

11/10/2025
Next Post
Delhi Violence

दिल्ली हिंसा: उमर खालिद और शरजील की न्यायिक हिरासत 23 नवंबर तक बढ़ी

यह भी पढ़ें

Suspended

ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में तीन पुलिसकर्मी निलंबित

28/12/2022
arrested

तीन नशा तस्कर गिरफ्तार, पौने दो करोड़ की चरस बरामद

03/09/2021
CM Yogi

कोविड हॉस्पिटल दिन में दो बार सार्वजनिक करें खाली बेडों की संख्या : योगी

24/04/2021
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version