नई दिल्ली। भारत के दिग्गज उद्योगपतियों में गिने जाने वाले पालोनजी मिस्त्री (Pallonji Mistry) नहीं रहे। पालोनजी मिस्त्री का 93 साल की उम्र में मुंबई में सोमवार की रात निधन हो गया। कंस्ट्रक्शन सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक शापोरजी पलोनजी ग्रुप (Shapoorji Pallonji Group) के चेयरमैन रहे पालोनजी को भारत का सबसे गुमनाम अरबपति कहा जाता था। दरअसल, वह सार्वजनिक मंचों से दूरी बनाकर रखा करते थे। उद्योग जगत में पालोनजी का बड़ा सम्मान था।इतनी थी पालोनजी की नेटवर्थ
कंस्ट्रक्शन सेक्टर के दिग्गज पालोनजी (Pallonji Mistry) ने एक आयरिश महिला से शादी की थी और इसके बाद वह आयरलैंड के नागरिक हो गए थे। हालांकि इसके बाद भी वे ज्यादातर समय भारत में ही मुंबई के वाकव्श्वर में सागर किनारे वाले बंगले में रहते थे। पालोनजी का निधन भी यहीं हुआ। पालोनजी को 150 साल से ज्यादा पुरानी कंपनी शापोरजी पालोनजी ग्रुप की सफलता का श्रेय दिया जाता है। फोर्ब्स के ताजा आंकड़ों के अनुसार, पालोनजी की नेटवर्थ 13 बिलियन डॉलर से ज्यादा थी और अरबपतियों की फेहरिस्त में वह दुनिया भर में 143वें पायदान पर थे।
आयरलैंड के सबसे अमीर व्यक्ति थे पालोनजी (Pallonji Mistry)
साल 2016 में भारत सरकार ने पालोनजी को कारोबार जगत में उनके योगदान के लिए शीर्ष सिविलियन अवार्ड में से एक पद्म भूषण से सम्मानित किया था। भारत के सबसे पुराने बिजनेसमैन में से एक पालोनजी (Pallonji Mistry)का जन्म गुजरात में एक पारसी परिवार में हुआ था। पालोनजी को सबसे अमीर पारसी व्यक्ति भी कहा जाता था। चूंकि उनके पास आयरलैंड की भी नागरिकता थी, इस कारण वह आयरलैंड के सबसे अमीर व्यक्ति थे।
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शापोरजी पालोनजी ग्रुप की स्थापना साल 1865 में हुई थी। मुख्य तौर पर कंस्ट्रक्शन सेक्टर की यह कंपनी इसके अलावा इंजीनियरिंग, इंफ्रास्ट्रक्चर, रियल एस्टेट, जल, ऊर्जा और वित्तीय सेवाओं के सेक्टर्स में भी मौजूदगी रखती है। अभी इस समूह का कारोबार सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि 50 देशों में फैला हुआ है। पालोनजी के बड़े बेटे शापोरजी मिस्त्री अभी इस समूह में अपने पिता की विरासत संभाल रहे हैं।
साइरस मिस्त्री हैं पालोनजी के छोटे बेटे
पालोनजी के छोटे बेटे साइरस मिस्त्री टाटा समूह के साथ विवादों को लेकर चर्चा में आए थे। साइरस मिस्त्री 2012 से 2016 के दौरान टाटा संस के चेयरमैन रहे थे। हालांकि बाद में उन्हें पद से हटा दिया गया था। इसके बाद टाटा समूह और साइरस मिस्त्री के बीच लंबा कानूनी विवाद चला था, जिसमें अंतत: टाटा समूह को जीत हासिल हुई थी। हालांकि आपको बता दें कि अभी भी टाटा समूह में मिस्त्री परिवार की अच्छी-खासी हिस्सेदारी है। टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस में मिस्त्री परिवार के पास करीब 18 फीसदी हिस्सेदारी है।