नई दिल्ली| देश में लॉकडाउन हटने और आर्थिक गतिविधियां तेजी से पटरी पर आने से उद्योग जगत भविष्य को लेकर ज्यादा सकारात्मक हो गए हैं। इससे देश के कारोबारी धारणा में जबरदस्त सुधार हुआ है।
कंपनियों के आत्मविश्वस संबंधी एबिजनेस कॉन्फिडेंस इंडेक्स (बीसीआई) में जुलाई-सितंबर 2020 तिमाही में 41.1 प्रतिशत बढ़त दर्ज की गई है। नेशनल काउंसिल आफ एपलायड इकोनोमिक रिसर्च (एनसीएईआर) की रिपोर्ट के अनुसार, लगातार दो तिमाही (2019- 20 की चौथी तिमाही, 2020- 21 की पहली तिमाही) घटने के बाद इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में सूचकांक बढ़कर 65.5 अंक पर पहुंच गया जो इससे पिछली तिमाही की तुलना में 41.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
निजी कंपनियों पर एलटीसी का अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा
पहली तिमाही में यह अब तक के सबसे निचले स्तर 46.4 पर पहुंच गया था। हालांकि साल दर साल आधार पर बीसीआई दूसरी तिमाही में एक साल पहले के मुकाबले 36.5 प्रतिशत नीचे रहा है। यह 2019- 20 की चौथी तिमाही से भी नीचे है। एनसीएईआर बीईएस सर्वे का 114वां दौर यह बताता है कि बेशक कारोबार जगत के आत्मविश्वास में सुधार आ रहा है और यह पहली तिमाही (वर्ष 2020- 21) के न्यूनतम स्तर से उबर रहा है लेकिन फिर भी यह कमजोर बना हुआ है।
कोरोना संकट से उबरकर भारतीय अर्थव्यवस्था उम्मीद से कहीं ज्यादा तेजी से पटरी पर आ रही है। इसके संकेत अक्तूबर महीने में जीएसटी संग्रह आठ महीने में पहली बार एक लाख करोड़ रुपये से पार होने से मिले है। इसके साथ ही बिजली, पेट्रोल-डीजल की मांग बढ़ी है। ऐसे एनसइएआईआर के बीसीआई में दूसरी तिमाही के दौरान यह वृद्धि इस लिहाज से काफी उल्लेखनीय है कि वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल- जून) के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 23.9 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।