नई दिल्ली। मिठास पर भी महंगाई की मार दिखने लगी है। पिछले तीन महीने में राजधानी दिल्ली में चीनी का रेट 5 रुपए प्रति किलोग्राम बढ़ गया है। जानकारी के मुताबिक, 26 अक्टूबर को दिल्ली में चीनी का रेट 43 रुपए प्रति किलोग्राम है,जबकि 26 जुलाई को यह रेट 38 रुपए प्रति किलोग्राम था।
वहीं, एक सरकारी अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि, चालू वर्ष में सरकार को 6-7 मिलियन टन चीनी बिना सब्सिडी के निर्यात करने की जरूरत है। इससे इन्वेन्टरी में कमी आएगी और कीमत पर भी लगाम रहेगा। इस साल चीनी का उत्पादन शानदार रहा है।
Maruti Suzuki की बिक्री पर लगा ब्रेक, मुनाफे में आई भारी गिरावट
बता दें कि, भारत चीनी का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। ब्राजील पहले नंबर पर है। इंटरनेशनल मार्केट में चीनी का रेट पिछले साढ़े चार सालों के उच्चतम स्तर पर है। माना जा रहा है कि अगर भारत बड़े पैमाने पर निर्यात करेगा तो इंटरनेशनल मार्केट में भी चीनी की कीमत में गिरावट आएगी। ब्राजील में इस साल चीनी का उत्पादन कम हुआ है। डिपार्टमेंट ऑफ फूड एंड पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन के ज्वाइंट सेक्रेटरी ने कहा कि, शुगर मिल्स को ज्यादा इंटरनेशनल रेट का फायदा उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि, इंडियन मिल्स ने मार्केटिंग ईयर 2020-21 में 7.2 मिलियन टन निर्यात किया था। 1 अक्टूबर से शुरू हुए मार्केटिंग ईयर 2021-22 में अब तक 1.8 मिलियन टन का कॉन्ट्रैक्ट किया जा चुका है।
गौरतलब है कि, भारत से निर्यात होने वाले चीनी को सबसे बड़े पैमाने पर अफगानिस्तान और श्रीलंका खरीद रहा है। इंडियन मिल्स को अपने लिए उस बाजार की तलाश करनी होगी जो अभी तक ब्राजील से चीनी का आयात करता है। केंद्र ने भारत से निर्यात होने वाले चीनी पर मिलने वाली सब्सिडी को बंद कर दिया है। इंडिय शुगर मिल्स 3.5 मिलियन टन शुगर का इस्तेमाल इथेनॉल निर्माण में करेंगी।