नई दिल्ली। कर्नाटक के एक कॉलेज से हिजाब को लेकर शुरू हुए विवाद (karnataka hijab controversy) पर राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही है। एक बार फिर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Owaisi) ने हिजाब विवाद पर ट्वीट किया है। औवेसी (Owaisi) ने एक वीडियो ट्वीट करते हुए कैप्शन में लिखा, ‘इंशा’ अल्लाह एक दिन एक हिजाबी प्रधानमंत्री (hijabi prime minister) बनेगी।’
ट्वीट किए गए वीडियो में ओवैसी कह रहे हैं, ‘हम अपनी बेटियों को ‘इंशा’ अल्लाह, अगर वो फैसला करती है कि अब्बा-अम्मी मैं हिजाब पहनूंगी। तो अम्मा-अब्बा कहेंगे- बेटा पहन, तुझे कौन रोकता है हम देखेंगे। हिजाब, नकाब पहनेंगे कॉलेज भी जाएंगे, कलेक्टर भी बनेंगे, बिजनेस मैन, एसडीएम भी बनेंगे और एक दिन इस देश एक बच्ची हिजाब पहनकर प्रधानमंत्री बनेगी।’
इंशा’अल्लाह pic.twitter.com/lqtDnReXBm
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) February 12, 2022
भारत का संविधान देता है हिजाब पहनने का हकः ओवैसी
इससे पहले असदुद्दीन ओवैसी ने हिजाब विवाद में पुट्टास्वामी फैसले का हवाला दिया था। औवेसी ने कहा था, ‘भारत का संविधान अधिकार देता है कि आप चादर ओढ़े, नकाब ओढ़े या हिजाब ओढ़े… पुट्टास्वामी का जजमेंट आपको इस बात की इजाजत देता है। यह हमारी पहचान है। मैं सलाम करता हूं उस लड़की को जिसने उन लड़कों को जवाव दिया, डरने और घबराने को जरूरत नहीं है।’ उत्तर प्रदेश में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा था कि कोई भी मुस्लिम महिला बिना किसी डर के हिजाब पहन सकती है।
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ओवैसी के बयान पर बीजेपी के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने निशाना साधा है। राकेश त्रिपाठी ने कहा, असदुद्दीन ओवैसी का ये मुगालता मुगालता ही रहेगा। जहां एक तरफ वह मुस्लिम महिलाओं को परदे में रखना चाहते हैं, ये उनकी तकियानूसी, संकीर्ण और कट्टरपंथी सोच है लेकिन अब मुस्लिम महिलाएं और लड़कियां आगे बढ़ रही हैं और स्वालंबी हो रही हैं। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार ने महिलाओं को तीन तलाक से उन्मूलन देने का काम किया है। आज हज यात्रा पर बिना महरम के जाने की छूट देने का काम किया है।
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अब असदुद्दीन ओवैसी की बातों में मुस्लिम महिलाएं फसने वाली नहीं है। यह कितने भी कट्टरपंथी मौलाना के कट मुल्ले के दबाव में इस तरीके की बयानबाजी करके लोगों को भड़काने की कोशिश करते रहे हैं, लेकिन अब इस तरीके का कोई भी ध्रुवीकरण नहीं होगा। अब देश विकास के मुद्दे पर बात करेगा और चुनाव भी बिकास के मुद्दे पर ही लड़ा जाएगा।
कहां से शुरू हुआ हिजाब विवाद
दरअसल, देश में हिजाब को लेकर विवाद कर्नाटक के उडुपी की एक यूनिवर्सिटी से शुरू हुआ था। कॉलेज में छह छात्राएं हिजाब पहनकर क्लास में आई थीं। इसके बाद इसी तरह के मामले कुंडापुर और बिंदूर के कुछ अन्य कॉलेजों में भी आए। राज्य में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं, जहां मुस्लिम छात्राओं को हिजाब में कॉलेजों या कक्षाओं में जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है।
इस विवाद ने तब और सियासी तापमान बढ़ा दिया जब एक और समूह के छात्र-छात्राओ ने कॉलेज में भगवा गमछा, स्कॉर्फ, और साफा पहनकर कर आना शुरू किया और जय श्री राम के नारे लगाए। इसके बाद देशभर में प्रदर्शन हुए। नौबत यहां तक पहुंच गई कि कर्नाटक के स्कूल कॉलेजों को तीन दिन के लिए बंद करना पड़ा।