अगर आपके पास रसोई गैस कनेक्शन है तो ये खबर आपके काम की साबित हो सकती है. गैस सिलेंडर (Gas Cylinder) का इस्तेमाल करते समय आपको कुछ बातों को ध्यान रखना चाहिए. अगर जाने-अनजाने में आपके घर में या जान-पहचान में कोई भी गैस सिलेंडर हादसा हो जाता है तो आप क्या करेंगे? क्या ऐसे हादसों के लिए मुआवजा मिलता है? क्या आप ऑयल कंपनी से नुकसान की भरपाई करवा सकते हैं? ऐसे कई तरह के सवाल आपके जहन में गूंज रहे होंगे. आपको बता दें, जब आप रसोई गैस कनेक्शन लेते हैं तो उसी समय आपका बीमा हो जाता है. इसे एलपीजी इंश्योरेंस कवर पॉलिसी कहते हैं.
हाल ही में सिलेंडर (Gas Cylinder) से हुए हादसे को देखते हुए कस्टमर्स को ये जानना जरुरी है कि वो किस बीमा कवर के हकदार हैं. इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम जैसी तेल कंपनियां OMC के जरिए सिलेंडर से हुई दुर्घटना में राहत देने का काम करती हैं. इसके लिए ग्राहकों को सिलेंडर के लिए रजिस्ट्रेशन कराते समय बीमा कराना जरुरी होता है.
कौन देता है बीमा?
सिलेंडर (Gas Cylinder) से हुए हादसों के लिए सरकार से 40 लाख रुपये का दुर्घटना कवर मिलता है. मगर, पेट्रोलियम कंपनियां भी आपको कुछ नियमों के तहत पर्सनल एक्सीडेंट कवर देती हैं. इस इंश्योरेंस के लिए पेट्रोलियम कंपनियों का बीमा कंपनियों के साथ पार्टनरशिप होती है.
एक्सीडेंटल 40, मृत्यु पर 50 लाख का बीमा कवर
आपको बता दें, LPG इंश्योरेंस कवर में आपसे 50 लाख रुपये तक का बीमा कराया जाता है. गैस सिलेंडर की वजह से होने वाले किसी भी हादसे में जान-माल का नुकसान भी हो जाता है. ऐसे में रसोई गैस कनेक्शन के साथ 40 लाख रुपये का एक्सीडेंटल बीमा मिलता है. अगर हादसे में किसी की मौत हो जाती है तो ऐसे में 50 लाख रुपये तक का बीमा कवर मिलता है. मगर, इसमें एक शर्त है कि सिलेंडर जिसके नाम पर है सिर्फ उसी को बीमा की राशि मिलती है.
ऐसे क्लेम करें बीमा
आप एलपीजी इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत बीमा कवर क्लेम कर सकते हैं. बिमा क्लेम करने के लिए आप सरकारी वेबसाइट (https://www.mylpg.in/docs/Public_Liability_Insurance_policies_for_accidents_involvin_LPG.pdf) पर जाकर पूरी जानकारी ले सकते हैं.
जल बिन ‘जल’ जाती हैं सभ्यता
क्लेम के लिए हैं ये शर्तें
आपको सिलेंडर हादसा होने के 30 दिनों के अंदर अपने ड्रिस्ट्रीब्यूटर और नजदीकी पुलिस स्टेशन में इसकी जानकारी देनी होगी. इसके लिए FIR की कॉपी भी आपको देनी होगी. FIR की कॉपी के साथ मेडिकल की रसीद, हॉस्पिटल का बिल, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और मृत्यु होने पर डेथ सर्टिफिकेट भी देना होगा. जिसके बाद ऑयल कंपनी ही आपका क्लेम फाइल करके आपको मुआवजा दे देगी.