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International Women’s Day: महिला सशक्तिकरण की अहम भूमिकाएं निभा रहीं महिलाएं

international women's day

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कानपुर। यूपीएमआरसी (UPMRC) अपने सभी महिला कर्मचारियों को काम करने के लिए समान अवसर और बेहतर माहौल प्रदान करता है। यही वजह है कि सिविल, रोलिंग स्टॉक, इलेक्ट्रिकल, सिग्नलिंग और ट्रेन ऑपरेशन्स समेत लगभग सभी तकनीकी विभागों में महिलाएं अपनी काबिलियत के जौहर दिखा रही हैं।

इसका प्रत्यक्ष प्रमाण बीते साल 2021 के नवंबर माह में मुख्यमंत्री द्वारा ट्रायल रन की शुरुआत के समय, पहली ट्रेन को चलाने वाली ट्रेन ऑपरेटर और दिसंबर में प्रधानमंत्री द्वारा वाणिज्यिक परिचालन के शुभारंभ के दौरान पहली ट्रेन चलाने वालीं, दोनों ही महिला ट्रेन ऑपरेटर्स थीं।

महिला दिवस (international women’s day) के अवसर पर यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने कहा, “मेट्रो सिस्टम पूरी तरह से महिलाओं के लिए सुरक्षित है। वह स्टेशन परिसर में कहीं भी पूरी सहजता और निश्चिंतता के साथ घूम सकती हैं और यात्रा कर सकती हैं। मेट्रो स्टेशनों पर पर्याप्त संख्या में महिला स्टाफ उपस्थित रहता है। यूपीएमआरसी, महिलाओं के लिए अलग से कोच की व्यवस्था में विश्वास नहीं रखता, बल्कि यह सुनिश्चित करता है कि संपूर्ण मेट्रो परिसर और ट्रेन महिलाओं के लिए सुरक्षित हों और इस दायित्व का निर्वहन हम पूरी निष्ठा के साथ कर रहे हैं।”

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इतना ही नहीं, महिला यात्रियों के साथ-साथ कर्मचारियों के लिए मेट्रो परिसरों में सुरक्षा के सभी जरूरी इंतजाम किए गए हैं, ताकि वे मेट्रो सिस्टम के अंतर्गत पूरी तरह से सुरक्षित और सहज महसूस कर सकें। महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मेट्रो सिस्टम में खास इंतजाम किए गए हैं।

उनमें किसी भी आपात स्थिति में, महिला यात्री मेट्रो ट्रेन के अंदर लगे पैसेंजर एमरजेंसी इंटरकॉम (पीईआई) या पैनिक बटन का उपयोग कर सीधे ट्रेन ऑपरेटर से संपर्क स्थापित कर सकती हैं। इस बटन को दबाने के बाद, महिला यात्री न सिर्फ ट्रेन ऑपरेटर से बात कर सकेंगी बल्कि उनके कोच का सीसीटीवी फुटेज, ट्रेन ऑपरेटर, ऑपरेशन्स कंट्रोल सेंटर और डिपो कंट्रोल सेंटर में फॉरवर्ड हो जाएगा। यहां तक कि अगले स्टेशन पर ट्रेन के दरवाजे अपने आप नहीं खुलेंगे और सुरक्षाकर्मियों व मेट्रो स्टाफ के ट्रेन के पास पहुंचने के बाद ही, ट्रेन ऑपरेटर दरवाजे खोलेगा।

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हर ट्रेन में लगभग 12 और प्रत्येक स्टेशन में लगभग 45 सीसीटीवी कैमरें हैं, जिनके माध्यम से ट्रेनों और स्टेशनों की लगातार मॉनिटरिंग होती रहती है। इन कैमरों में इन्फ्रारेड तकनीक भी है, जिनकी मदद से रात में या कम रौशनी में भी क्लियर फुटेज मिलता रहता है। इतना ही नहीं, इन कैमरों का रियल टाइम फुटेज सीधे मेट्रो डिपो स्थित सेंट्रल सिक्यॉरिटी रूम में जाता है, जहां से यूपीएसएसएफ का स्टाफ मेट्रो तंत्र पर लगातार अपनी नजर रखता है।

स्टेशन कंट्रोलर्स और टिकट वेंडिंग स्टाफ के लिए पूरी तरह से पारदर्शी कमरे तैयार किए गए हैं। स्टेशनों को इस ढंग से तैयार किया गया है कि, स्टेशन के कॉनकोर्स पर खड़े होकर, किसी भी कोने से आप पूरा स्टेशन देख सकते हैं। यहां तक कि लिफ्टस को भी पारदर्शी रखा गया है। मेट्रो स्टेशनों पर कहीं भी कोई डार्क स्पॉट नहीं है।

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स्टेशनों पर महिला यात्रियों की सुरक्षा और सहूलियत के लिए महिला सुरक्षाकर्मी और महिला हाउसकीपिंग स्टाफ भी मौजूद रहता है।

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