स्मॉल सेविंग स्कीम्स (Small Savings Scheme) में निवेश प्रोसेस को और आसान बनाने के लिए नियमों में बदलाव करने की योजना पर काम कर रही है. फाइनेंस मिनिस्ट्री चाहती है कि इन योजनाओं में आम लोगों की भागेदारी ज्यादा से ज्यादा हो इसके लिए कई अहम बदलाव करने की तैयारी की जा रही है. एक सीनियर ऑफिशियल ने कहा कि फाइनेंस मिनिस्ट्री स्मॉल सेविंग स्कीम्स के डिपॉजिट प्रोसेस और आसाना बनाने की योजना बना रहा है. ताकि बड़ी संख्या में निवेशक, खासकर ग्रामीण भारत से, इन स्कीम्स का बेनिफिट ले सकें.
आधार से ही हो जाएगा काम
केवाईसी छूट के हिस्से के रूप में, तीन तरह के बदलाव देखने को मिल सकते हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सबसे पहले लोगों को पैन कार्ड के बजाय आधार का उपयोग कर छोटी बचत योजनाओं (Small Savings Scheme) में निवेश करने की अनुमति दी जाएगी. यह देखते हुए कि भारत में बड़ी संख्या में लोगों के पास पैन कार्ड की तुलना में आधार कार्ड हैं, यह छूट कई ग्रामीण डिपॉजिटर्स को स्मॉल सेविंग स्कीम्स का बेनिफिट उठाने के लिए प्रोत्साहित करेगी.
होंगे ये 3 बदलाव
अधिकारी ने कहा, जिस तरह के केवाईसी नियम जनधन अकाउंट के लिए हैं, वैसे ही नियम स्मॉल सेविंग स्कीम्स (Small Savings Scheme) के लिए भी लागू किए जाएंगे. दूसरा, सरकार मृत निवेशक की डिपॉजिट अमाउंट पर कानूनी उत्तराधिकारियों के लिए क्लेम प्रोसेस को आसान बनाएगी जहां किसी तरह का कोई विवाद नहीं हो. तीसरा, नॉमिनेश प्रोसेस को और सरल बनाया जाएगा.
सरकार को भी मिलेगी
आसान प्रोसेस न केवल निवेशकों को अधिक फ्लेक्सीबिलिटी देगा बल्कि नेशनल स्मॉल सेविंग फंड (एनएसएसएफ) में संभावित रूप से फ्लो को भी बढ़ाएगा. तब इन फंड्स का उपयोग केंद्र द्वारा अपने फिस्कल डेफिसिट को आंशिक रूप से फाइनेंस करने और मार्केट डेट पर निर्भरता को कुछ हद तक कम करने के लिए किया जा सकता है. केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2023 (संशोधित अनुमान) में 4.39 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले वित्त वर्ष 2024 में एनएसएसएफ से अपना ऑफटेक बढ़ाकर 4.71 लाख करोड़ रुपये करने का अनुमान लगाया है.