नई दिल्ली| कोरोना संकट आने से मार्च में शेयर बाजार में ऐतिहासिक गिरावट आई थी। उसके बाद निवेशकों ने म्यूचुअल फंड के जरिये बाजार में हजारों करोड़ रुपये का निवेश किया था। जुलाई के बाद बाजार में जबरदस्त तेजी आने के बाद से निवेशकों की ओर से मुनाफावसूली का दौर शुरू हैं। निवेशकों को डर है कि बाजार में फिर से बड़ा उतार-चढ़ाव आ सकता है। ऐसे में वह अपना पैसा इक्विटी से निकालकर डेट फंड में निवेश कर रहे हैं। यानी, म्यूचुअल फंड निवेशकों ने सुरक्षित निवेश में पैसा लगाना शुरू कर दिया है।
बाजार नियामक सेबी के आंकड़ों के अनुसार, म्यूचुअल फंड ने अक्तूबर महीने में इक्विटी से 14,300 करोड़ रुपये की भारी-भरकम निकासी की है। सितंबर तिमाही के दौरान इक्विटी केंद्रित म्यूचुअल फंडों से निवेशकों ने 7,200 करोड़ से अधिक की निकासी की। इस दौरान एसआईपी फोलियो में भी निवेश में कमी देखी गयी। वहीं, दूसरी ओर, डेट म्यूचुअल फंड्स ने 1,10,466 करोड़ रुपये का निवेश अक्तूबर महीने में हुआ है। सितंबर में 51,962.16 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था।
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फिनोलॉजी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) पंकज कामरा ने कहा, निकासी का एक प्रमुख कारण यह था कि अमेरिकी चुनाव पर चिंता और घरेलू अर्थव्यवस्था में सुस्ती के बीच निवेशक लगातार निवेश को भुनाये जा रहे थे। कामरा ने कहा कि निकासी का एक अन्य कारण कुछ क्षेत्रों में मुनाफावसूली हो सकता है। इसके अलावा परिदृश्य की अनिश्चितता के मद्देनजर नकदी रखने की आवश्यकता ने भी इसमें योगदान दिया।
म्यूचुअल फंडों की तमाम कैटेगरी में डेट फंड एक हैं। डेट म्यूचुअल फंड फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटी में पैसा लगाते हैं। इनमें बॉन्ड, गवर्नमेंट सिक्योरिटी, ट्रेजरी बिल और नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर आदि शामिल हैं। डेट फंड उन निवेशकों के लिए उपलब्ध सबसे सुरक्षित निवेश साधनों में से एक हैं, जो बिना जोखिम के अपने निवेश पर अच्छा लाभ कमाना चाहते हैं। इसके अलावा, रिटर्न काफी स्थिर है, क्योंकि इक्विटी फंड में रिटर्न अस्थिर हैं।