उत्तर प्रदेश के निलंबित आईपीएस मणिलाल पाटीदार को कोर्ट ने भगोड़ा घोषित कर दिया है। कोर्ट ने मणिलाल पाटीदार की दो अग्रिम जमानत याचिका भी खारिज़ कर दी है। एक अग्रिम जमानत याचिका भ्रष्टाचार मामले में खारिज़ हुई है, वहीं दूसरी ज़मानत याचिका आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में खारिज़ हुई है। दरअसल आईपीएस मणिलाल पाटीदार पर महोबा के क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है। एंटी करप्शन कोर्ट ने ये ज़मानत याचिकाएं खारिज की हैं।
अब आईपीएस मणिलाल पाटीदार को कोर्ट ने भगोड़ा घोषित होने के बाद जल्द ही उनकी गिरफ्तारी की संभावना जताई जा रही है। बता दें महोबा के क्रशर प्लांट व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत के मामले में तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार समेत अन्य को नामजद किया गया था। इसके बाद उन्हें निलंबित भी कर दिया गया था। मामले में नामजद किए जाने के बाद से ही मणिलाल पाटीदार फरार चल रहे हैं।
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पिछले दिनों मृतक व्यापारी के परिजनों की शिकायत पर एसआईटी से जांच ट्रांसफर कर जोनल एसआईटी को सौंप दी गई थी। इसके बाद मणिलाल पाटीदार के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी हुआ और उनकी फरारी को लेकर नोटिस उनके राजस्थान स्थित घर पर लगाया गया। पुलिस को अब तक फरार आईपीएस का सुराग नहीं लग सकता है। मामले में प्रयागराज क्राइम ब्रांच की टीम भी उनकी तलाश में लगी है। राजस्थान में कई जगह रेड पड़ रही हैं लेकिन सफलता अब तक नहीं मिली है।
ये है पूरा मामला
महोबा के क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी ने तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार पर वसूली के गंभीर आरोप लगाते हुए खुद की जान को खतरा बताया था। वीडियो वायरल होने के बाद इंद्रकांत त्रिपाठी घायल अवस्था में मिले थे। जिसके बाद कानपुर में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी। क्रशर कारोबारी की मौत के बाद मणिलाल पाटीदार को को निलंबित करते हुए मामले की जांच एसआईटी को सौंप दी गई। आईपीएस मणिलाल पाटीदार के खिलाफ हत्या की एफआईआर भी दर्ज है।