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इजरायल और UAE  की ऐतिहासिक दोस्ती को लेकर ईरान ने उठाया सवाल

friendship between Israel and UAE

इजरायल और UAE  की ऐतिहासिक दोस्ती (friendship between Israel and UAE)

पश्चिम एशिया में इजरायल और UAE की ऐतिहासिक दोस्ती को ईरान ने भारी भूल करार दिया है। ईरान ने कहा है कि UAE ने फिलीस्तीन की जनता के साथ धोखेबाजी की है। ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी ने शनिवार को एक भाषण में कहा कि UAE का ये कदम एक भारी भूल है।

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राष्ट्रपति रुहानी ने कहा कि UAE ने फिलीस्तीन के मुद्दे को त्याग कर दगाबाजी की है। उन्होंने UAE को चेतावनी देते हुए कहा कि वो इजरायल को अरब क्षेत्र में पैर जमाने देने की गलती कतई न करे।

ईरान के विदेश मंत्रालय ने तो यहां तक कहा है कि इजरायल और UAE का ये डील फिलीस्तीनियों के पीठ में छूरा भोंकने के समान है।

बता दें कि अरब के देश UAE ने इजरायल के साथ 13 अगस्त को एक ऐतिहासिक समझौता किया है। माना जाता है कि इस समझौते के पीछे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अहम भूमिका है। अमेरिका की सपोर्ट पर किए गए इस समझौते का मकसद पश्चिम एशिया में ईरान की ताकत और उसके प्रभुत्व पर नकेल कसना बताया जा रहा है और अरब क्षेत्र के दूसरे देशों को बढ़ावा देना है।

ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी ने अमेरिका, UAE पर तीखा हमला करते हुए कहा कि इस डील का मकसद है कि ट्रंप को एक बार फिर से अमेरिका के राष्ट्रपति का चुनाव जिताया जाए, उन्होंने कहा कि इस डील के पीछे अमेरिका की क्या भूमिका इसका पता इसी से चलता है कि पश्चिम एशिया की इस डील की घोषणा वाशिंगटन में की गई है।

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संयुक्त अरब अमीरात के इस कदम को ईरानी राष्ट्रपति रुहानी ने UAE का विश्वासघात और छल करार दिया और कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि UAE जल्द ही इस गलत रास्ते को छोड़ देगा।

इस फैसले के विरोध में ईरान की राजधानी तेहरान में UAE दूतावास के बाहर लोगों ने प्रदर्शन किया और अमेरिका और इजरायल के झंडे जलाए।

बता दें कि इजरायल के वजूद में आने के बाद भी कई अरब राष्ट्रों ने उसे मान्यता नहीं दी है। UAE और इजरायल के बीच इन संबंधों के बाद इजरायल और UAE के बीच रिश्ते सामान्य हो सकेंगे। इस समझौते के बाद UAE अरब की पहला और अरब क्षेत्र का तीसरा देश होगा जिसके इजरायल संपूर्ण कूटनीतिक रिश्ते होंगे। इससे पहले मिस्र और जॉर्डन इजरायल से कूटनीतिक रिश्ते स्थापित कर चुके हैं।

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