काबुल एयरपोर्ट पर गुरुवार को हुए घातक आत्मघाती हमलों की जिम्मेदारी आतंकी संगठन आईएसआईएस ने ली है। सीरियल ब्लास्ट में मरने वालों की संख्या बढ़कर 40 हो चुकी है और 120 से अधिक लोग घायल हैं जिनमें 60 फीसदी से अधिक लोगों की हालत गंभीर है। इस घातक आत्मघाती धमाके में चार अमेरिकी सैनिक भी मारे गए हैं और तीन घायल हुए हैं।
धमाके में आईएसएस का हाथ
काबुल हवाई अड्डे के बाहर हुए आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी खूंखार आतंकी संगठन आईएसआईएस ने ली है। दूसरे धमाके में एयरपोर्ट के गेट के बाहर तैनात अमेरिकी सैनिकों को निशाना बनाया गया है। अमेरिकी अधिकारियों ने भी पुष्टि की है कि इस हमले में अमेरिकी सैनिक भी घायल हुए हैं। इस बीच सभी विदेशी दूतावासों ने अपने नागरिकों को एयरपोर्ट से दूर रहने की सलाह दी है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या अफगानिस्तान में अब नई जंग शुरू हो गई है।
अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने जतायी संवेदना
अफगानिस्तान के नेता डॉ. अब्दुल्ला अब्दुल्ल ने काबुल हवाई अड्डे पर हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि इस मुश्किल घड़ी में मेरी पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ संवेदनाएं और प्रार्थनाएं हैं।
अफगानिस्तान से अपने राजदूतों को वापस बुलाएगा फ्रांस
फ्रांस ने काबुल एयरपोर्ट के पास हुए सीरियल ब्लास्ट के बाद बड़ा एक्शन लिया है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा है कि फ्रांस अफगानिस्तान से अपने राजदूतों को वापस बुलाएगा। अब ये राजदूत पेरिस से काम करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि फ्रांस काबुल से ‘कई सौ’ अफगानों को निकालने की कोशिश करेगा।
ब्रिटेन ने बुलाई इमरजेंसी मीटिंग
काबुल धमाकों के बाद ब्रिटेन सरकार भी हरकत में आ गई है। ब्रिटेन ने धमाकों को लेकर इमरजेंसी बैठक बुलाई है। इससे पहले ब्रिटेन और अमेरिका ने अफगानिस्तान में आतंकी हमले की आशंका भी जताई थी जिसमें कहा गया था कि आईएसआईएस के आतंकी धमाके को अंजाम दे सकते हैं। इसके अलावा धमाके की वजह से इजरायली प्रधानमंत्री की अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ होने वाली बैठक को भी टाल दिया गया है।