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राम मंदिर भूमि पूजन में दलित संत को न्योता नहीं देना निराशाजनक : मायावती

Desk by Desk
31/07/2020
in Main Slider, अयोध्या, उत्तर प्रदेश, ख़ास खबर, राजनीति, राष्ट्रीय, शिक्षा
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लखनऊ।  बसपा सुप्रीमो मायावती ने  अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिये पांच अगस्त को होने वाले भूमि पूजन कार्यक्रम में दलित संत काे निमंत्रण नहीं देने पर निराशा व्यक्त की हैै।  मायावती ने सलाह दी है कि उपेक्षा और तिरस्कार से पीड़ित दलित समाज को धर्म कर्म के चक्कर में पड़ने की बजाय श्रम कर्म पर ध्यान देना चाहिये।

सुश्री मायावती ने शुक्रवार को ट्वीट किया कि महामंडलेश्वर स्वामी कन्हैया प्रभुनन्दन गिरि की शिकायत के मद्देनजर यदि अयोध्या में पांच अगस्त को होने वाले भूमिपूजन समारोह में अन्य 200 साधु-सन्तों के साथ इनको भी बुला लिया गया होता तो यह बेहतर होता। इससे देश में जातिविहीन समाज बनाने की संवैधानिक मंशा पर कुछ असर पड़ सकता था।

2. वैसे जातिवादी उपेक्षा, तिरस्कार व अन्याय से पीड़ित दलित समाज को इन चक्करों में पड़ने के बजाए अपने उद्धार हेतु श्रम/कर्म में ही ज्यादा ध्यान देना चाहिए व इस मामले में भी अपने मसीहा परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के बताए रास्ते पर चलना चाहिए, यही बीएसपी की इनको सलाह है।

— Mayawati (@Mayawati) July 31, 2020

उन्होने कहा कि वैसे जातिवादी उपेक्षा, तिरस्कार व अन्याय से पीड़ित दलित समाज को इन चक्करों में पड़ने के बजाए अपने उद्धार के लिये श्रम कर्म में ही ज्यादा ध्यान देना चाहिए। इस मामले में भी अपने मसीहा परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के बताए रास्ते पर चलना चाहिए, यही बसपा की इनको सलाह है।

गौरतलब है कि महामंडलेश्वर स्वामी कन्हैया प्रभु नंदन गिरि ने भूमि पूजन कार्यक्रम के मेहमानो की सूची में अपना नाम नहीं होने से खिन्नता व्यक्त करते हुये दलितों की उपेक्षा का आरोप लगाया है। उन्होने कहा कि पहले मंदिर निर्माण के लिए गठित ट्रस्ट में किसी दलित को जगह नहीं दी गई और उसके बाद अब भूमि पूजन समारोह में भी इस समुदाय की उपेक्षा की जा रही है। संत कन्हैया प्रभु नंदन गिरि 13 अखाड़ों के इकलौते दलित महामंडलेश्वर हैं।

इस संबंध में साधु-संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि सन्यासी जीवन में आने के बाद संत की कोई जाति नहीं रह जाती, इसलिए कन्हैया गिरि का खुद को दलित बताया जाना गलत है।

Tags: It is disappointing not to invite Dalit saint in Ram temple Bhoomi Pujanmayawatiराम मंदिर भूमि पूजन में दलित संत को न्योता नहीं देना निराशाजनक
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