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कोरोना से बचने के लिए सभी एहतियात बरतना आवश्यक है : योगी

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महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के 88वें स्थापना सप्ताह समारोह के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य एवं केंद्र सरकार कोविड-19 के प्रसार को रोकने की कोशिश कर रही है कोरोना से बचने के लिए सभी एहतियात बरतना जारी रखना चाहिए।

उन्होंने कहा कि  कोविड-19 ने हमारे सामने चुनौती जरूर प्रस्तुत की, लेकिन आपदा में हमने नई कार्यपद्धति भी विकसित की। इससे जीवन आसान हो गया। बच्चे आॅनलाइन क्लास में पढ़ रहे हैं। अब बच्चे पूछ रहे हैं कि हम स्कूल आना चाहते हैं, कब खुलेगा। कोविड-19 के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार अपने स्तर पर पूरा प्रयास कर रही है लेकिन सभी को समझना होगा कि जागरूकता ही बचाव है। आने वाले समय में वैक्सीनेशन भी हो, इसकी भी तैयारी है लेकिन जब कोई वायरस एक बार आ जाता है, तो वह लंबे समय तक रहता है। ऐसे में बचाव का रास्ता जनता को सतर्कता से निकालना होगा।

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार दिमागी बुखार से होने वाली मौतों को इस साल 95 प्रतिशत तक नियंत्रित कर पाने में सक्षम है। कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा और प्रमुख रक्षा अध्यक्ष बिपिन रावत भी उपस्थित थे।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराणा प्रताप ने जंगलों में रहकर घास की रोटियां खाई, लेकिन विदेशी ताकतों के सामने वह नहीं झुके। उन्होंने कहा कि नकारात्मक विचारों वाले व्यक्ति को कभी भी सफलता नहीं मिल सकती है। महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना महंत दिग्विजय नाथ ने महाराणा प्रताप से प्रेरणा लेते हुए 88 साल पहले की थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमें याद रखना होगा कि कोई व्यक्ति अचानक बड़ा नहीं होता। इसके लिए प्रयास करना होता है। जीवन में सफलता का राज आज के मुख्य अतिथि ने आपको बताया है। व्यक्ति सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर हो और सबको साथ लेकर चलने का भाव उसके मन में हो तो जीवन में सफलता अवश्य प्राप्त होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि रात में जनरल बिपिन रावत से चर्चा कर रहा था। मैंने पूछा कि देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले हमारे सैनिक उन दुर्गम क्षेत्रों में कैसे काम कर पाते हैं, जहां रुकना भी मुश्किल है। एक से दो दिन, चार दिन तक तो व्यक्ति घूम कर मौजमस्ती कर वापस आ जाते हैं, उन दुर्गम क्षेत्रों में हमारे जवान निरंतर कैसे तैनात रह पाते हैं। जनरल ने कहा कि यह तो आसान कार्य है। सैनिकों को उन पहाड़ों पर नई ऊर्जा मिलती है। यह उनका काम है, इसलिए वह रह रहे हैं। वह इस काम को अपने अनुकूल बनाते हैं। जब वह अपने काम को अनुकूल बना लेते हैं, तभी दुश्मन की छाती को भेदने की क्षमता रखते हैं। उन्होंने दिनकर की कविता पढ़ी, वसुधा का नेता कौन हुआ? भूखण्ड-विजेता कौन हुआ? अतुलित यश क्रेता कौन हुआ? नव-धर्म प्रणेता कौन हुआ? जिसने न कभी आराम किया, विघ्नों में रहकर नाम किया। यानी बाधाओं को चुनौती मानते हुए उसका डटकर मुकाबला करने वाला व्यक्ति ही जीवन में सफल होता है। इसका उदाहरण प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में हमारे सामने है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में इंसेफलाइटिस जैसी महामारी के खिलाफ एक लड़ाई लड़ी गई है। इसका नतीजा रहा कि इस पर काबू पाया। 2017 के पहले जुलाई से सितंबर के बीच में हजारों मौत हो जाती थी। लेकिन पिछले तीन वर्षों के दौरान इस पर काबू पाया गया। सरकार के प्रयासों से मौत के आंकड़ों को नियंत्रित करने में सफलता मिली। सावधानी और जागरूकता बरतने से कोरोना से भी जीत सकते हैं। प्रदेश सरकार जगह-जगह पब्लिक एड्रेस सिस्टम लगा रही है, जो हर व्यक्ति को दो गज दूरी का पालन और मास्क जरूरी को लेकर निरंतर जागरूक कर रहा है। पूरी दुनिया कोरोना वायरस से पीड़ित है।  उन्होंने कहा कि हमारी सेना देश की सीमाओं की रक्षा पूरी मजबूती के साथ कर रही हैं। सेना जिस मजबूती के साथ भारत के गौरव को आगे बढ़ाने का काम कर रही है, वह अमूल्य है।

समारोह के मुख्य अतिथि चीफ आॅफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने कहा कि विद्यार्थी हमारे देश का भविष्य हैं। हमारा देश कैसे उन्नति करेगा, यह आपकी कार्यशैली पर निर्भर है। आप लोग जितनी लगन और मेहनत से, ईमानदारी और वफादारी के साथ कर्तव्य पालन करेंगे, हमारा देश उतनी उन्नति करेगा। इसीलिए हमारे देश का भविष्य आप सभी के हाथों में है। हमें अपनी सोच भी ऊपर रखनी चाहिए। अगर आप तारों तक पहुंचने की कोशिश करेंगे तो चांद पर पहुंच पाएंगे। यह सब करने के लिए आपको कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। इस कड़ी मेहनत के बाद आपको सफलता मिलेगी तो उसका स्वाद बिल्कुल अलग होगा।

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स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि अगर आप को अपनी दिनचर्या में किसी मुश्किल हालात का सामना नहीं करना पड़ रहा है तो आप गलत रास्ते पर जा रहे हैं। क्योंकि जब हम आगे बढ़ते हैं तो राह में मुश्किलें भी आती हैं। हमें इससे निराश होने की जरूरत नहीं है। इन्हीं के साथ आगे बढ़ना होगा। उन्होंने कहा कि आप अपनी ताकत की पहचान करें। हम सभी में गुण और अवगुण होते हैं। हमें अपने-अपने गुणों को आगे बढ़ाना है, अपने अवगुणों को पीछे छोड़ते हुए आगे बढ़ना है। इस कोशिश में मुश्किल आएगी। कई बार असफलता भी मिलेगी लेकिन इससे निराश न हों। उन्होंने कहाकि जब आप आगे बढ़ने की कोशिश करेंगे असफलता का भी सामना करना पड़ेगा लेकिन उससे सीख लेंगे तो वह आपको नई ऊंचाई पर ले जाएगी। एक बात का और ध्यान रखें, गलत और सही के बीच में अंतर को पहचनानना सीखें। जब हम स्कूल में होते हैं, तो खिलाड़ियों या अन्य व्यक्तियों को देखकर उनकी तरह बनने की कोशिश करते है। लेकिन यह तय करने से पहले हमें उनके अच्छे और बुरे कर्म के बारे में भी जानना चाहिए।

उन्होंने कहा कि टीम वर्क का ध्यान रखेंगे, हमेशा सफल होंगे। इसके लिए हमें मैं से हम की तरफ बढ़ना होगा। जब जीवन में हम आ जाएगा, आप सफल होंगे। सीडीएस ने शिक्षकों से भी कहा कि विद्यार्थियों की सफलता और मार्गदर्शन में आपका बहुत बड़ा योगदान होता है। कोई भी किसी भी दर्जे पर पहुंच जाए, वह अपने अध्यापकों की बदौलत ही उसे हासिल करता है। अत: आप विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करें।

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