• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

7 जुलाई को निकलेगी भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा

Writer D by Writer D
26/06/2024
in धर्म, फैशन/शैली
0
Jagannath Rath Yatra

Jagannath Rath Yatra

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

हर साल रथ यात्रा ( Jagannath Rath Yatra) से पहले ज्‍येष्‍ठ मास की पूर्णिमा से लेकर अमावस्‍या तक प्रभु जगन्‍नाथ बीमार पड़ते हैं। भक्‍तों के लिए मंदिर के कपाट एक पखवाड़े तक बंद कर दिए जाते हैं। जिसे मंदिर की भाषा में अनासार कहा जाता है। इस अवधि में भगवान के दर्शन बंद रहते हैं व भगवान को जड़ी बूटियों के काढ़े का भोग लगाया जाता है। यह परंपरा हजारों साल से चली आ रही है। भगवान रथयात्रा से एक दिन पहले स्वस्थ होते हैं। तब उन्‍हें मंदिर के गर्भ गृह में वापस लाया जाता है।

सात जुलाई को भगवान जगन्‍नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ अपनी मौसी रोहिणी से भेंट करने जाते हैं यहां तरह-तरह के पकवान से प्रभु को भोग लगाया जाता है। भगवान यहां नौ दिन तक रहते हैं और उसके बाद अपनी मौसी के घर से वापस अपने मंदिर में लौट आयेंगे। रथ यात्रा जगन्नाथ मंदिर से शुरू होकर पुरी नगर से गुजरते हुए गुंडीचा मंदिर पहुंचती है। यहां भगवान जगन्नाथ, बलरामजी और बहन सुभद्रा सात दिन विश्राम करते हैं।

गुंडीचा मंदिर भगवान जगन्नाथ की मौसी का घर है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, देवशिल्पी विश्वकर्मा ने भगवान जगन्नाथ, बलभद्र व देवी सुभद्रा की प्रतिमाओं का निर्माण किया था। आषाढ़ मास के दसवें दिन सभी रथ ( Jagannath Rath Yatra) फिर से मुख्य मंदिर की ओर प्रस्थान करते हैं। रथों की वापसी की रस्म को बहुड़ा यात्रा कहा जाता है।

रथ यात्रा ( Jagannath Rath Yatra) से जुड़ी खास बातें-

पुरी में रथयात्रा ( Jagannath Rath Yatra) के लिए भगवान जगन्नाथ, भाई बलराम व बहन सुभद्रा के लिए तीन अलग-अलग रथ बनाए जाते हैं। रथयात्रा में सबसे आगे बलराम जी का रथ, बीच में देवी सुभद्रा का रथ और सबसे पीछे भगवान जगन्नाथ का रथ होता है। बलराम के रथ को ‘तालध्वज’ कहते हैं। जिसका रंग लाल और हरा होता है। देवी सुभद्रा के रथ को ‘पद्म रथ’ या ‘दर्पदलन’ कहा जाता है, जो काले और लाल रंग का होता है। भगवान जगन्नाथ के रथ को ‘गरुड़ध्वज’ या ‘नंदीघोष’ कहते हैं, जो कि लाल और पीला होता है।

सभी रथ नीम की लकड़ियों से तैयार किए जाते हैं। जिसे ‘दारु’ कहते हैं। इसके लिए जगन्नाथ मंदिर में एक खास समिति का निर्माण किया जाता है। भगवान जगन्नाथ का रथ 45.6 फीट ऊंचा, बलराम जी का रथ 45 फीट और देवी सुभद्रा का रथ 44.6 फीट ऊंचा होता है।

Tags: Jagannath Rath Yatra 2024Jagannath Rath Yatra importanceLord Jagannath Rath Yatra
Previous Post

सावन माह की शुरुआत और अंत दोनों ही बेहद शुभ, भोलेनाथ से मिलेगा मनवांछित फल

Next Post

Lok Sabha Speaker Election: विपक्ष को मिला ‘दीदी’ का साथ, के सुरेश को समर्थन देगी TMC

Writer D

Writer D

Related Posts

Papankusha Ekadashi
Main Slider

आज रखा जाएगा पापांकुशा एकादशी व्रत, जानें इसका महत्व

03/10/2025
Budh Dev
धर्म

ग्रहों के राजकुमार तुला राशि में करेंगे गोचर, इन जातकों की होगी बल्ले-बल्ले

03/10/2025
Panchak
Main Slider

आज से लग रहे है चोर पंचक, गलती से भीं करें ये काम

03/10/2025
Sharad Purnima
Main Slider

कब मनाई जाएगी शरद पूर्णिमा? जानें पूजा विधि और मुहूर्त

03/10/2025
Positive Energy
Main Slider

यहां लगाएं ये विंड चाइम, घर में होगा धन का आगमन

03/10/2025
Next Post
Lok Sabha Speaker Election

Lok Sabha Speaker Election: विपक्ष को मिला 'दीदी' का साथ, के सुरेश को समर्थन देगी TMC

यह भी पढ़ें

attackers arrested

RSS कार्यलय पर हमले में तीन नामजद समेत 13 गिरफ्तार

30/12/2020
rape

युवती को नौकरी दिलाने के नाम पर दुष्कर्म, 14 लाख ठगे

15/04/2023
Electricity Company

प्रोफेसर के पदों पर निकली बंपर भर्तियां, जल्द करें आवेदन

12/09/2021
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version