रामपुर। समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान कभी भी जेल से बाहर आ सकते हैं। अब्दुल्ला आजम खान को सभी मामलों में जमानत मिल गई है और वह आज या कल में सीतापुर जेल से रिहा हो सकते हैं।
गलत जन्म प्रमाण पत्र के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनकी विधायकी छीन ली थी। अब्दुल्ला आजम फरवरी 2020 से ही सीतापुर जेल में बंद हैं। हालांकि, रिहाई के बाद वह चुनाव लड़ेंगे या नहीं, अभी इसे लेकर सस्पेंस बना हुआ है। माना जा रहा है कि समाजवादी पार्टी अब्दुल्ला को टिकट दे सकती है।
दरअसल, अब्दुल्ला आजम पर 43 मुकदमें दर्ज हुए थे और सभी मामलों में उन्हें जमानत मिल गई है। तीन मामलों में रिहाई के परवाने भी सीतापुर जेल भेज दिए गए हैं। अब केवल कागजी औपचारिकता बाकी है और इसके बाद वह आज या कल में किसी भी वक्त जेल से बाहर निकल सकते हैं। अब सवाल उठता है कि जब अब्दुल्ला आजम के ऊपर कई आपराधिक मामले लंबित हैं तो क्या वह चुनाव लड़ने के योग्य हैं? इसका जवाब टटोलने पर पता चलता है कि वह चुनाव लड़ने के पूरी तरह से योग्य हैं।
आज की तारीख में अब्दुल्ला आजम के ऊपर चल रहे मुकदमों के जो हालात हैं, उसके मुताबिक उनके चुनाव लड़ने पर कोई पाबंदी नहीं होगी। उन्हें अभी तक किसी भी आपराधिक मुकदमे में सजा नहीं हुई है। सभी ट्रायल में हैं और सबमें गवाही चल रही है। गलत जन्म प्रमाण पत्र देने का मामला उन पर जरूर साबित हुआ था, जिसके चलते 16 दिसंबर 2019 को उनकी विधायकी चली गयी थी लेकिन, इससे उनके चुनाव लड़ने पर कोई पाबंदी नहीं लगेगी। ये मामला सिविल का था न कि फौजदारी का।
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बता दें कि रामपुर की स्वार सीट से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े नवाब काजिम अली खां ने अब्दुल्ला आजम के खिलाफ इलेक्शन पिटीशन दाखिल की थी। पिटीशन नंबर 8/2017 के मामले की सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 16 दिसंबर 2019 को उनकी सदस्यता रद्द करने के आदेश दिये थे। उनके ऊपर अपनी उम्र छिपाने के आरोप सही साबित हुए थे। आरोप था कि जब 2017 का चुनाव अब्दुल्ला आजम ने लड़ा था तब उनकी उम्र 25 साल नहीं हुई थी।
दरअसल, जनप्रतिनिधित्व कानून में इस बात का प्रावधान है कि अगर किसी चुने हुए जनप्रतिनिधि को किसी फौजदारी मामले में दो साल से ज्यादा की सजा सुनाई जाती है तो उसके 6 साल तक चुनाव लड़ने पर रोक लग जाती है। अब्दुल्ला आजम को अभी तक किसी भी आपराधिक मामले में सजा नहीं हुई है। मामले ट्रायल में हैं और फैसला आने में कम से कम इतना वक्त तो लग जाएगा कि चुनाव बीत जाए। दूसरी तरफ आजम खान के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज कराने वाले आकाश सक्सेना ने एक और खुलासा किया। सक्सेना ने कहा कि अब्दुल्ला आजम मारे डर के जेल से बाहर नहीं आ रहे हैं। उनकी जमानत तो 18 सितंबर को ही हो गयी थी, लेकिन, किसी भी जमानती के सामने न आने के कारण वे जेल से बाहर नहीं आए।