अमेठी। जिले के आठ रेलवे स्टेशनों के नाम बदलने की मंजूरी मिल गई है। जल्द ही जायस रेलवे स्टेशन (Jais Railway Station) गुरु गोरखनाथ धाम के नाम से जाना जाएगा। जिले के सात अन्य रेलवे स्टेशनों के नाम जिले के प्रसिद्ध मंदिरों व महापुरुषों के नाम से पहचाने जाने लगेंगे। गृहमंत्रालय ने इन स्टेशनों के नामों के परिवर्तन को मंजूरी दे दी है। प्रदेश सरकार के विशेष सचिव को पत्र भेजकर नोटिफिकेशन का गजट प्रकाशित करने को कहा गया है। स्टेशनों के नाम बदलने की प्रक्रिया जल्द पूरी होने की संभावना है।
अमेठी संसदीय क्षेत्र से गुजरने वाले लखनऊ-प्रतापगढ़-वाराणसी व लखनऊ-सुल्तानपुर-वाराणसी रेल ट्रैक के स्टेशन जल्द ही क्षेत्र के इतिहास के पन्नों में अपनी अमिट छाप रखने वाले प्रसिद्ध मंदिर या महापुरूष के नाम से पहचाने जाएगें। गत दिनों प्रतापगढ़ जिले के कई स्टेशनों का नाम देवी मंदिरों पर रखने के लिए जिले के लोगों ने स्टेशनों के नाम बदलने की मांग की थी। मामला केंद्रीय मंत्री स्मृति जूबिन इरानी के संज्ञान में आया तो लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए उन्होंने जिले के ऐतिहासिक धार्मिक स्थलों व लोगों को पहचान दिलाने के लिए प्रस्ताव रेल मंत्रालय को भेजा था।
इस प्रस्ताव पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अवर सचिव भारत सरकार ललित कपूर की ओर से अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करते हुए प्रदेश सरकार के विशेष सचिव को पत्र जारी किया है। पत्र जारी कर गजट प्रकाशित करने को कहा है। इसे प्रकाशित होने के बाद जल्द आठ स्टेशनों का नाम बदले जाएंगे। स्टेशनों का नाम बदलने की सूचना पर लोगों में खुशी का माहौल है।
इन नामों से होगी अब स्टेशनों की पहचान
जिले की कासिमपुर हाॅल्ट को जायस सिटी, जायस रेलवे स्टेशन (Jais Railway Station) को गुरु गोरखनाथ धाम, बनी रेलवे स्टेशन को स्वामी परमहंस, मिश्रौली रेलवे स्टेशन को मां कालिकन धाम, फुरसतगंज स्टेशन का नाम पीढ़ी के बाबा तापेश्वर धाम किया जाएगा।
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निहालगढ रेलवे स्टेशन का नाम महाराजा बिजली पासी, अकबरगंज रेलवे स्टेशन का नाम मां अहोरवा भवानी धाम, वारिसगंज स्टेशन का नाम अमर शहीद भाले सुल्तान रखा जाएगा। सभी स्टेशनों के नाम देवनागरी व अंग्रेजी में भी भेजा है, ताकि गजट प्रकाशन के बाद कोई त्रुटि नहीं हो। उम्मीद है कि एक-दो दिन में स्टेशनों का नाम परिवर्तन होने का गजट प्रकाशित होने के बाद नाम परिवर्तित हो जाएंगे।