जापानी प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा (Shigeru Ishiba) ने सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDP) में विभाजन से बचने के लिए इस्तीफा देने का फैसला किया है। इशिबा का इस्तीफा प्रधानमंत्री बनने के एक साल भीतर होने वाला है। जुलाई में हुए संसदीय चुनावों में LDP को करारी हार मिली थी। लंबे समय से पार्टी के भीतर लीडरशिप चेंज की मांग उठ रही थी।
ऊपरी सदन के चुनावी नतीजे ने प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा (Shigeru Ishiba) की सत्ता पर पकड़ को और कमजोर कर दिया था, हालांकि उन्होंने पार्टी प्रमुख बने रहने का ऐलान किया था। इशिबा ने इसकी वजह अमेरिका के साथ चल रही टैरिफ बातचीत को बताया था, जहां हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने जापान पर टैरिफ 25 फीसदी से कम करके 15 फीसदी कर दिया है।
लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDP) और उसके सहयोगी कोमेटो को जुलाई में हुए चुनाव में कुल 47 सीटें मिली थीं, जबकि बहुमत के लिए कम से कम 50 सीटों की जरूरत थी। ऊपरी सदन में कुल 248 सीटें हैं और इस चुनाव में आधी सीटों पर मतदान हुआ था।
एलडीपी का चुनावी प्रदर्शन खराब
पिछले साल अक्टूबर में हुए निचले सदन के चुनाव में भी LDP को पिछले 15 साल का सबसे खराब प्रदर्शन झेलना पड़ा था। इसके चलते इशिबा सरकार अब अविश्वास प्रस्तावों और पार्टी के भीतर नेतृत्व परिवर्तन की मांगों के बीच फंस गई थी। जुलाई में ऊपरी सदन के चुनाव परिणाम आने के बाद पीएम इशिबा (Shigeru Ishiba) ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि मैं इस कठोर नतीजे को गंभीरता से स्वीकार करता हूं।
बाद में एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि हम अमेरिका के साथ बेहद अहम टैरिफ वार्ता में जुटे हुए हैं। इन वार्ताओं को बिगाड़ना हमारी सबसे बड़ी गलती होगी। इसलिए राष्ट्रीय हितों को साधने के लिए हमें पूरी निष्ठा और ऊर्जा लगानी होगी।मसलन, अब जबकि वह पद छोड़ने जा रहे हैं तो अमेरिका की तरफ से जापान को टैरिफ रिलीफ भी मिल गई है।